डीयू में चुनाव से पहले एसएफआई और आइसा की महापंचायत; एफवाईयूपी, छात्रावास, सुरक्षा के मुद्दे उठाए

डीयू में चुनाव से पहले एसएफआई और आइसा की महापंचायत; एफवाईयूपी, छात्रावास, सुरक्षा के मुद्दे उठाए

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  • Publish Date - September 2, 2025 / 08:31 PM IST,
    Updated On - September 2, 2025 / 08:31 PM IST

नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव से पहले मंगलवार को स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक ‘महापंचायत’ में सैकड़ों छात्र शामिल हुए।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दोनों वामपंथी छात्र समूहों ने कहा कि इस सभा का उद्देश्य छात्रों के सामने आने वाले ‘वास्तविक मुद्दों’ को उजागर करना और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) पर अपने वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया।

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के 2025-26 के चुनाव 18 सितंबर को होने हैं। अगले दिन मतों की गिनती होगी।

सभा को संबोधित करते हुए डूसू के लिए आइसा की संभावित उम्मीदवार अंजलि ने कहा, ‘‘बड़े पैमाने पर विरोध के बावजूद चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम (एफवाईयूपी) को हमारे परिसरों में जबरदस्ती थोपा गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय इस साल चौथे वर्ष के छात्रों के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा नहीं उपलब्ध करा रहा है। हम एफवाईयूपी, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और शैक्षणिक संस्थानों के भगवाकरण का विरोध करते हैं।’’

एसएफआई की ओर से डूसू के संभावित उम्मीदवार सोहन कुमार यादव ने आरोप लगाया कि निवर्तमान छात्रसंघ ‘सोशल मीडिया की नौटंकी और अंदरूनी कलह’ से जूझ रहा है, जबकि छात्रों की समस्याएं अभी तक हल नहीं हुई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इस साल छात्र उन लोगों को चुनेंगे जो साल भर उनका प्रतिनिधित्व करेंगे। वे एसएफआई-आइसा गठबंधन को चुनेंगे।’’

एसएफआई की एक अन्य संभावित उम्मीदवार अभिनंदना ने परिसर में महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा, ‘‘साल दर साल हम उत्पीड़न की घटनाएं देखते हैं। एबीवीपी के गुंडे मिरांडा हाउस, गार्गी और डीआरसी जैसे महिला कॉलेजों में घुस जाते हैं। हाल ही में लक्ष्मीबाई कॉलेज में एक महिला गार्ड के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया। हम निर्वाचित छात्र प्रतिनिधियों के साथ सक्रिय आईसीसी की मांग करते हैं।’’

आइसा के अभिषेक कुमार ने छात्रावास संकट पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘‘डीयू के आधे से अधिक छात्र दिल्ली से बाहर के हैं। पीजी में रहना किफायती नहीं है, निजी फ्लैट महंगे हैं और सस्ते कमरे अस्वास्थ्यकर हैं। डीयू उत्सवों पर करोड़ों रुपये खर्च करता है, लेकिन छात्रावासों पर नहीं। यह शर्मनाक है।’’

गठबंधन ने मांगों की एक सूची भी जारी की, जिसमें आंतरिक मूल्यांकन और शुल्क वृद्धि को वापस लेना, ‘फर्जी’ एसईसी और वीएसी पाठ्यक्रमों को समाप्त करना, छात्रों के लिए रियायती मेट्रो पास और सभी कॉलेजों में आंतरिक शिकायत समितियों (आईसीसी) को सक्रिय करना शामिल है।

भाषा संतोष माधव

माधव