एसजीपीसी ने बादल पर हमला करने वाले चौरा को समाज से बहिष्कृत करने का अकाल तख्त से आग्रह किया

एसजीपीसी ने बादल पर हमला करने वाले चौरा को समाज से बहिष्कृत करने का अकाल तख्त से आग्रह किया

एसजीपीसी ने बादल पर हमला करने वाले चौरा को समाज से बहिष्कृत करने का अकाल तख्त से आग्रह किया
Modified Date: December 9, 2024 / 09:21 pm IST
Published Date: December 9, 2024 9:21 pm IST

चंडीगढ़, नौ दिसंबर (भाषा) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने अकाल तख्त से सोमवार को आग्रह किया कि वह शिरोमणी अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह की हत्या का प्रयास करने वाले पूर्व खालिस्तानी आतंकी नारायण सिंह चौरा को सिख समुदाय से बहिष्कृत करे।

यह अपील अमृतसर में एसजीपीसी की आंतरिक समिति की बैठक के दौरान की गई। इसने निंदा प्रस्ताव पारित किया और पूरे मामले को ‘‘गहरी साजिश’’ बताते हुए मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन भी किया।

अकाल तख्त ने पंजाब में 2007 से 2017 तक शिअद और उसकी सरकार द्वारा की गई ‘गलतियों’ के लिए सुखबीर सिंह बादल की ‘तनखैया’ (धार्मिक सजा) का दो दिसंबर को ऐलान किया था। स्वर्ण मंदिर में अपने प्रायश्चित के दूसरे दिन चार दिसंबर को चौरा ने बादल पर गोली चलाने का प्रयास किया, जिसमें वह बाल-बाल बच गए। सादे कपड़ों में मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

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एसजीपीसी ने चौरा द्वारा बादल पर गोली चलाए जाने और सिखों के पवित्र स्थल पर शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक माहौल को बिगाड़ने के प्रयास की कड़ी निंदा करते हुए अकाल तख्त के जत्थेदार से चौरा को ‘सिख पंथ’ से बहिष्कृत करने की अपील की।

एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी और अन्य पदाधिकारियों ने बैठक के बाद अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मुलाकात की और चौरा को बहिष्कृत करने की मांग करते हुए उन्हें प्रस्ताव सौंपा।

धामी ने कहा कि घटना में अन्य साजिशकर्ताओं की संलिप्तता, सुरक्षा चूक और पुलिस प्रशासन की ‘‘लचर व्यवस्था’’ की भी जांच करने की जरूरत महसूस की जा रही है। इस उद्देश्य के लिए एसजीपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुजीत सिंह के नेतृत्व में एक समिति गठित की गई है और यह तीन सप्ताह के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी।

भाषा खारी सुरेश

सुरेश


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