कोलकाता, 29 नवंबर (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के शीर्ष नेता अमित शाह और ममता बनर्जी विरोधी होने का दिखावा कर रहे हैं, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच एक मौन सहमति है।
वाम दल ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी ने भाजपा के उम्मीदवारों को राज्य में लोकसभा सीटें जीतने में मदद की थी।
भाजपा के लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करने के लिए यहां एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने तुष्टिकरण, घुसपैठ, भ्रष्टाचार और राजनीतिक हिंसा के मुद्दों पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो बनर्जी पर तीखा हमला बोला।
माकपा के पश्चिम बंगाल सचिव मोहम्मद सलीम ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अमित शाह और ममता बनर्जी विरोधी होने का दिखावा कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि घुसपैठ रोकना गृह मंत्रालय का काम है और वह ऐसा करने में विफल रहा है।
शाह ने कहा कि घुसपैठ का समर्थन करने के कारण बनर्जी संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध कर रही हैं। भाजपा नेता ने कहा कि इतनी अधिक घुसपैठ वाला राज्य विकास नहीं कर सकता है।
सलीम ने आरोप लगाया कि टीएमसी और भाजपा बंगाल में वामदल से डरती हैं। उन्होंने दावा किया कि वामदलों की फिर से पैठ बढ़ रही है।
मौजूदा राज्य विधानसभा में वाम दलों का कोई सदस्य नहीं है। देश में तुरंत जनगणना कराने की मांग करते हुए उन्होंने आश्चर्य जताया कि यह 2021 में क्यों नहीं हुई जब इसे कराया जाना चाहिए था।
राज्य में भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में केंद्रीय एजेंसियों की जांच किसी तार्किक अंजाम तक नहीं पहुंच पा रही है, यह उल्लेख करते हुए माकपा नेता ने पूछा कि केंद्र ने पहले मनरेगा जैसी योजनाओं के तहत राज्य को प्रदान किए गए धन के लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र क्यों नहीं मांगे, जैसा कि हर छह महीने में अनिवार्य है।
टीएमसी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत 100 दिन की रोजगार गारंटी योजना के श्रमिकों को वेतन जारी करने की मांग कर रही है, जिसका दावा है कि केंद्र ने इसे रोक दिया है।
भाषा आशीष पवनेश
पवनेश
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