‘‘शरबत जिहाद’’ टिप्पणी: रामदेव ने अदालत से कहा, वह संबंधित वीडियो, सोशल मीडिया पोस्ट हटाएंगे

‘‘शरबत जिहाद’’ टिप्पणी: रामदेव ने अदालत से कहा, वह संबंधित वीडियो, सोशल मीडिया पोस्ट हटाएंगे

‘‘शरबत जिहाद’’ टिप्पणी: रामदेव ने अदालत से कहा, वह संबंधित वीडियो, सोशल मीडिया पोस्ट हटाएंगे
Modified Date: April 22, 2025 / 01:10 pm IST
Published Date: April 22, 2025 1:10 pm IST

नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) योग गुरु रामदेव ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया कि वह ‘हमदर्द’ के रूह अफ़ज़ा पर अपनी कथित ‘‘शरबत जिहाद’’ टिप्पणी से संबंधित वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट तुरंत हटा लेंगे।

उनका यह बयान अदालत की उस टिप्पणी के तुरंत बाद आया है जिसमें कहा गया है कि रामदेव का यह बयान अनुचित है और इसने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया है।

‘हमदर्द’ के वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि हाल में पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए रामदेव ने दावा किया था कि ‘हमदर्द’ के ‘रूह अफ़ज़ा’ से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया गया।

 ⁠

बाद में रामदेव ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया।

रामदेव की ‘पतंजलि फूड्स लिमिटेड’ के खिलाफ ‘हमदर्द नेशनल फाउंडेशन इंडिया’ की याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अमित बंसल ने कहा, ‘‘इसने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। यह उचित नहीं है। आप (रामदेव के वकील) अपने मुवक्किल से निर्देश लें, अन्यथा सख्त आदेश दिया जाएगा।’’

‘हमदर्द’ का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह मामला अपमान से परे है। उन्होंने कहा कि यह ‘‘सांप्रदायिक विभाजन’’ पैदा करने का मामला है।

रोहतगी ने कहा, ‘‘यह नफरत फैलाने वाला भाषण है। वह (रामदेव) कहते हैं कि यह ‘‘शरबत जिहाद’’ है। उन्हें अपने काम से मतलब रखना चाहिए। वह हमें क्यों परेशान कर रहे हैं?’’

कुछ समय बाद मामले की सुनवाई फिर से शुरू होने पर रामदेव के वकील ने कहा कि वह अपने विवादास्पद बयानों से संबंधित सभी प्रिंट या वीडियो प्रारूप के विज्ञापन और सोशल मीडिया पोस्ट तुरंत हटा लेंगे।

अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर के बयान को रिकॉर्ड में दर्ज किया और रामदेव से पांच दिनों के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा कि वह भविष्य में प्रतिस्पर्धियों के उत्पादों के संबंध में ऐसा कोई बयान, विज्ञापन या सोशल मीडिया पोस्ट जारी नहीं करेंगे।

अदालत ने मामले को एक मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

भाषा सुरभि मनीषा

मनीषा


लेखक के बारे में