आंबेडकर की विरासत को लेकर भाजपा और विपक्ष के बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप |

आंबेडकर की विरासत को लेकर भाजपा और विपक्ष के बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप

आंबेडकर की विरासत को लेकर भाजपा और विपक्ष के बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप

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Modified Date: April 14, 2025 / 06:57 PM IST
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Published Date: April 14, 2025 6:57 pm IST

नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव रामजी आंबेडकर की जयंती पर सोमवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिले।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने देश भर में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती मनायी और इस मौके पर राजनीतिक विरोधियों को भी निशाने पर लिया।

मोदी ने आरोप लगाया कि सत्ता में रहने के दौरान पार्टी ने अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों को ‘‘दूसरे दर्जे का नागरिक’’ बना दिया।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पलटवार किया और आरोप लगाया कि मोदी सरकार बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का सिर्फ नाम लेती है जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लोग आंबेडकर के शत्रु हैं।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कांग्रेस पर आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाए जाने को लेकर पलटवार करते हुए कहा कि बाबासाहेब को चुनाव में हराने के लिए भाजपा के वैचारिक पूर्वज जिम्मेदार थे।

हरियाणा के हिसार में प्रधानमंत्री मोदी ने महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे से अयोध्या के लिए पहली वाणिज्यिक उड़ान को हरी झंडी दिखाने और हवाई अड्डे पर एक नए टर्मिनल भवन की आधारशिला रखने के बाद जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को नष्ट करने वाली बन गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘बाबा साहेब समानता लाना चाहते थे लेकिन कांग्रेस ने देश में वोट बैंक (की राजनीति) का ‘वायरस’ फैलाया। वह चाहते थे कि हर गरीब व्यक्ति सिर उठा कर जिए, लेकिन कांग्रेस ने एससी, एसटी और ओबीसी को ‘‘दूसरे दर्जे का नागरिक’’ बना दिया।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता हासिल करने के लिए पवित्र संविधान को हथियार बना लिया और ‘‘वोट बैंक (की राजनीति) का वायरस’’ फैलाया।

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के वर्षों के लंबे शासन के दौरान पार्टी के नेताओं के स्विमिंग पूल तक पानी पहुंचता था, लेकिन गांवों तक नल का पानी नहीं पहुंचता था। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आजादी के 70 साल बाद भी गांवों में केवल 16 प्रतिशत घरों में नल से पानी पहुंच रहा था… इससे सबसे ज्यादा प्रभावित कौन थे? वे एससी, एसटी और ओबीसी थे।’’

उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा कि अगर उन्हें दलितों के कल्याण की इतनी ही चिंता है, तो ‘‘आजकल हर गली में’’ भाषण देने वालों को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि पार्टी के सत्ता में रहने के दौरान एससी, एसटी और ओबीसी के घरों तक पानी पहुंचे।

मोदी ने कहा, ‘‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने (कांग्रेस ने) आंबेडकर के साथ क्या किया। बाबा साहब जब जीवित थे तो कांग्रेस ने उनका अपमान किया और उन्हें दो बार चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। तत्कालीन कांग्रेस सरकार उन्हें बाहर करना चाहती थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें व्यवस्था से बाहर रखने के लिए एक साजिश रची गई थी। जब आंबेडकर नहीं रहे, तो कांग्रेस ने उनकी यादों को मिटाने की भी कोशिश की। वह उनके विचारों को भी खत्म करना चाहती थी।’’

वक्फ संशोधन अधिनियम के कारण मची राजनीतिक घमासान के बीच मोदी ने इस कानून का विरोध करने वाली कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर निशाना साधा और उन पर आंबेडकर द्वारा प्रतिपादित संवैधानिक मूल्यों से परे जाकर 2013 में वक्फ कानून में संशोधन कर संविधान को नष्ट करने का आरोप लगाया।

आंबेडकर जयंती पर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा राष्ट्रीय राजधानी के अलीपुर स्थित आंबेडकर के स्मारक स्थल पर श्रद्धांजलि देने गए, जहां उन्होंने 1956 में अंतिम सांस ली थी, जबकि पार्टी नेताओं ने इस मौके पर देश भर में अपने कार्यालयों में और अन्य स्थानों पर उनकी याद में कई कार्यक्रम आयोजित किए।

खरगे ने संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा और आरएसएस का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि ये लोग बाबासाहेब के शत्रु हैं। उन्होंने दावा किया कि जिन लोगों ने संविधान की प्रति जलाई, उनके चेले आज सत्ता में बैठे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘भाजपा कहती है कि कांग्रेस ने बाबा साहेब आंबेडकर जी का अपमान किया है। जबकि सच्चाई यह है कि कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहेब को संविधान सभा का सदस्य बनाया, मसौदा समिति का प्रमुख बनाया।’’

उन्होंने आंबेडकर के एक पत्र की प्रति दिखाते हुए कहा, ‘‘बाबासाहेब ने अपने एक मित्र को 18 जनवरी, 1952 में लिखे पत्र में खुद बताया था कि उन्हें हराने में एस.ए. डांगे (कम्युनिस्ट नेता) और विनायक सावरकर (हिंदू महासभा) का हाथ था। ये दोनों चाहते थे कि बाबासाहेब हार जाएं और यही उनकी मंशा थी।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा जनता को गुमराह न करे, क्योंकि सच्चाई सभी को पता है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘हमने पहले संसद में बाबासाहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की, उसके बाद हमें संसद के सेंट्रल हॉल (केंद्रीय कक्ष) में बाबा साहेब को पुष्पांजलि देनी थी। इसका समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हिसाब से बदला गया, लेकिन प्रधानमंत्री फिर भी बाबा साहेब को श्रद्धांजलि देने सेंट्रल हॉल नहीं पहुंचे।’’

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा दिया हुआ संविधान सभी गरीबों खासकर बहुजन समाज के पीड़ित, शोषित और वंचित लोगों के लिए समय-समय पर कवच बनकर काम करता है।

इटावा जिले के विकासखंड महेवा के परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्थापित आदमकद प्रतिमा के समीप बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की आदमकद कुर्सी पर विराजमान प्रतिमा का अनावरण करने के बाद अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर प्रहार किया और संविधान की रक्षा के लिए पीडीए का आह्वान किया।

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने आंबेडकर जयंती के अवसर पर कहा कि देश में बहुजनों के सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक हालात, कांग्रेस की तरह भाजपा शासनकाल में भी अति-दयनीय तथा इनके आरक्षण के संवैधानिक अधिकार पर भी सुनियोजित कुठाराघात होने से अब इनकी स्थिति कुछ ‘अच्छे दिन’ के बजाय बुरे दिन वाली ही बन रही है, जो अति दुःखद व चिन्तनीय है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता मोहन यादव ने सोमवार को कहा कि संविधान निर्माता के प्रति कांग्रेस ने हमेशा ‘‘शत्रुता का भाव’’ रखा और इस पार्टी के नेताओं को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।

भाषा हक हक माधव

माधव

 

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