सिख समुदाय 26 दिसंबर को ‘साहिबजादे शहादत दिवस’ के रूप में मनाए: एसजीपीसी |

सिख समुदाय 26 दिसंबर को ‘साहिबजादे शहादत दिवस’ के रूप में मनाए: एसजीपीसी

सिख समुदाय 26 दिसंबर को ‘साहिबजादे शहादत दिवस’ के रूप में मनाए: एसजीपीसी

:   Modified Date:  December 25, 2022 / 09:08 PM IST, Published Date : December 25, 2022/9:08 pm IST

अमृतसर, 25 दिसंबर (भाषा) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने रविवार को सिख समुदाय से कहा कि गुरु गोबिंद सिंह के बेटों के शहादत दिवस को ‘वीर बाल दिवस’ की जगह ‘साहिबजादे शहादत दिवस’ के रूप में मनाएं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल जनवरी में ऐलान किया था कि सिखों के 10वें गुरु के बेटों जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत के उपलक्ष्य में 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।

धामी ने कहा, ‘‘ साहिबजादों के शहादत दिवस को भारत सरकार की ओर से ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाना महान शहादत को कमतर करने की एक दुर्भावनापूर्ण साजिश है…विश्व के धार्मिक इतिहास में।’’

उन्होंने कहा कि यदि सरकार वास्तव में साहिबजादों को श्रद्धांजलि देना चाहती है, तो इस दिन को साहिबजादे शहादत दिवस के रूप में मनाने में क्या परेशानी है।

उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक तथ्य है कि उत्तर से मुगलों को उखाड़ फेंकने के लिहाज से गुरु गोविंद सिंह के दोनों बेटे अहम थे।

धामी ने कहा कि इस दिवस को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाये जाने को लेकर सरकार जिस तरह से अड़ी हुई है, उससे यह साफ हो जाता है कि सिख विरोधी ताकतों के इशारे पर राजनीति की जा रही है।

उन्होंने कहा कि एसजीपीसी ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संस्कृति मंत्री को एक पत्र भेजा था, लेकिन सरकार ने अब भी नाम में परिवर्तन नहीं किया है।

भाषा

संतोष नरेश

नरेश

 

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