एक साथ चुनाव: प्रत्येक 15 साल में नयी ईवीएम के लिए 10,000 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ने का अनुमान
एक साथ चुनाव: प्रत्येक 15 साल में नयी ईवीएम के लिए 10,000 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ने का अनुमान
नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) निर्वाचन आयोग ने कहा है कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने की स्थिति में उसे नयी ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (ईवीएम) खरीदने के लिए प्रत्येक 15 वर्ष में करीब 10,000 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी।
सरकार को भेजे गए एक पत्र में, आयोग ने कहा कि ईवीएम के उपयोग की अवधि 15 साल है और यदि ‘एक साथ चुनाव’ कराए जाते हैं तो मशीनों के एक सेट का उपयोग उनके इस्तेमाल की इस अवधि के दौरान तीन बार चुनाव कराने के लिए ही किया जा सकता है।
अनुमान के मुताबिक, इस साल लोकसभा चुनाव के लिए देशभर में कुल 11.80 लाख मतदान केंद्र बनाने की आवश्यकता होगी।
लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने के दौरान, प्रत्येक मतदान केंद्र पर ईवीएम के दो सेट की आवश्यकता होगी–एक, लोकसभा सीट के लिए और दूसरा, विधानसभा सीट के लिए।
आयोग ने सरकार को भेजे गए पत्र में पूर्व के अनुभवों के आधार पर कहा है कि मतदान के दिन विभिन्न स्तर पर त्रुटिपूर्ण इकाइयों को बदलने के लिए कुछ प्रतिशत ‘कंट्रोल यूनिट’ (सीयू), ‘बैलट यूनिट’ (बीयू) और ‘वोटर-वेरिफियेबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपैट) मशीनों की आवश्यकता होती है।
इस संबंध में एक ईवीएम के साथ कम से कम एक बीयू, एक सीयू और एक वीवीपैट मशीन की जरूरत होती है।
आयोग ने पिछले साल फरवरी में कानून मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में कहा था कि विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, एक साथ मतदान के वास्ते आवश्यक न्यूनतम ईवीएम और वीवीपैट के लिए 46,75,100 बीयू, 33,63,300 सीयू और 36,62,600 वीवीपैट होने चाहिए।
बीते वर्ष की शुरुआत में, ईवीएम की अंतरिम लागत 7,900 रुपये प्रति बीयू, 9,800 रुपये प्रति सीयू और वीवीपैट की 16,000 रुपये प्रति यूनिट थी।
आयोग, एक साथ मतदान पर कानून मंत्रालय द्वारा भेजी गई प्रश्नावली का जवाब दे रहा था।
निर्वाचन आयोग ने अतिरिक्त मतदान कर्मियों और सुरक्षाकर्मियों, ईवीएम के लिए बढ़ी हुई भंडारण सुविधाओं और अधिक वाहनों की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
आयोग ने कहा कि नयी मशीनों के उत्पादन, भंडारण सुविधाएं बढ़ाने और साजो-सामान से जुड़े अन्य मुद्दों को ध्यान में रखते हुए, पहली बार एक साथ चुनाव 2029 में ही हो सकते हैं।
साथ ही, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान के पांच अनुच्छेदों में संशोधन करने की आवश्यकता होगी।
पत्र में यह भी कहा गया कि दल-बदल के आधार पर अयोग्यता से संबंधित संविधान की 10वीं अनुसूची में भी आवश्यक बदलाव की आवश्यकता होगी।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर उच्चस्तरीय समिति को भारत के संविधान और अन्य वैधानिक प्रावधानों के तहत मौजूदा तंत्र को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने की पड़ताल करने तथा सिफारिश करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
भाषा सुभाष नेत्रपाल
नेत्रपाल

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