बंगाल में एसआईआर:सोनागाछी की सैकड़ों यौनकर्मी निर्वाचन आयोग के शिविरों पर पहुंचीं
बंगाल में एसआईआर:सोनागाछी की सैकड़ों यौनकर्मी निर्वाचन आयोग के शिविरों पर पहुंचीं
(तस्वीरों के साथ)
कोलकाता, नौ दिसंबर (भाषा) एशिया का सबसे बड़ा ‘रेड लाइट’ इलाका माने जाने वाले सोनागाछी की सैकड़ों यौनकर्मी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के संबंध 0में विभिन्न तरह की आशंकाओं को लेकर मंगलवार को निर्वाचन आयोग के सहायता शिविरों में पहुंचीं।
हालांकि, मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि एक भी पात्र मतदाता को सूची से बाहर नहीं किया जाएगा।
उत्तरी कोलकाता के वार्ड संख्या 18 की संकरी गलियों में वर्षों से रह रही कई महिलाओं ने कहा कि उन्हें चिंता है कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा, क्योंकि उनके पास वंशावली का प्रमाण नहीं है या दशकों पहले तस्करी, परित्यक्त होने या घर से भागने के कारण उनका अपने परिवारों से संपर्क टूट चुका है।
करीब 30 साल की एक महिला ने कहा, ‘‘हमसे माता-पिता के बारे में पूछा जा रहा है जिन्हें भुलाने के लिए मजबूर किया गया था। अब हमें डर है कि हमें फिर से मिटा दिया जाएगा।’’
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनोज अग्रवाल ने दुर्गा चरण मित्रा स्ट्रीट के पास लगाए गए शिविर का दौरा किया और लोगों की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि वार्ड के लगभग 11,000 मतदाताओं में से लगभग 3,500 यौनकर्मियों को अभी गणना अभियान में शामिल किया जाना बाकी है और उन्हें जल्द ही शामिल कर लिया जाएगा।
अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें उन महिलाओं को शामिल करने के लिए विशेष अधिकार दिए गए हैं जो 2002 की मतदाता सूची में नहीं थीं, लेकिन 2021 और 2024 में मतदान कर चुकी हैं। उनके नाम 11 दिसंबर तक दर्ज कर लिए जायेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों ने इतने वर्षों में मतदान नहीं किया है, लेकिन उनके पास नागरिक होने के अन्य प्रमाण हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वे 16 दिसंबर से अनुलग्नकों के साथ फॉर्म संख्या छह जमा करें और उनका नाम अंतिम मतदाता सूची में शामिल हो, जो 14 फरवरी को प्रकाशित होगी। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि एक भी पात्र मतदाता का नाम अंतिम मतदाता सूची में न छूटे। हम भारत के प्रत्येक वास्तविक निवासी के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि जो लोग अपने रिश्तेदारों के दस्तावेज प्रस्तुत करने में असमर्थ हैं, उन्हें भी घबराने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि स्थानीय निवासियों और क्षेत्र में कार्यरत पंजीकृत गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से सत्यापन किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा, ‘‘वृद्धाश्रमों में बुजुर्गों के लिए जिस तरह शिविर लगाये जा रहे हैं, उसी की तर्ज पर, हमारे अधिकारी, क्षेत्र में कार्यरत कई गैर-सरकारी संगठनों के सदस्यों के सहयोग से, उन्हें (यौनकर्मियों को) आवश्यक विवरण के साथ फ़ॉर्म भरने में सहायता कर रहे हैं और उनकी आशंकाओं को दूर करने में उनकी मदद कर रहे हैं ताकि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए। हमें उम्मीद है कि वे इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेंगी जो उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।’
अग्रवाल ने कई यौनकर्मियों से मुलाकात की और उन्हें चुनाव आयोग की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
वह एक नवजात शिशु को गोद में लिए एक युवती को आश्वस्त करते हुए देखे गए, जिसने बताया कि उसे चार साल पहले दक्षिण बंगाल के एक जिले से तस्करी करके लाया गया था।
युवती ने कहा ,‘‘मुझे नहीं पता कि मेरे माता-पिता कहां हैं। मेरी बेटी ही मेरे पास है।’’
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा, ‘‘कृपया चिंता न करें। आपका नाम यहीं रहेगा।’’
इससे पहले दिन में पश्चिम बंगाल की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री शशि पांजा ने सोनागाछी का दौरा किया और कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि वंचित वर्ग का एक भी पात्र मतदाता लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित न रहे।
भाषा राजकुमार धीरज
धीरज

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