अरूणाचल प्रदेश में दुर्घटना स्थल से अबतक छह शव निकाले गये, तीन भी कई लापता

अरूणाचल प्रदेश में दुर्घटना स्थल से अबतक छह शव निकाले गये, तीन भी कई लापता

अरूणाचल प्रदेश में दुर्घटना स्थल से अबतक छह शव निकाले गये, तीन भी कई लापता
Modified Date: December 12, 2025 / 08:45 pm IST
Published Date: December 12, 2025 8:45 pm IST

ईटानगर, 12 दिसंबर (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले में असम के 22 लोगों को ले जा रहे एक मिनी-ट्रक के गहरी खाई में गिर जाने के चार दिन बाद शुक्रवार को छह शव बरामद किए गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।

अंजॉ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अनुराग द्विवेदी ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और सेना की संयुक्त टीम ने तड़के ही इस अभियान को शुरू किया।

उन्होंने कहा, ‘‘दुर्गम क्षेत्र के कारण शव निकालने की प्रक्रिया बेहद कठिन थी। घाटी बहुत गहरी है।’’

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द्विवेदी ने बताया कि घटनास्थल पर अठारह शव मिले हैं और इन शवों को निकालने के बाद शेष तीन लापता लोगों की तलाश जारी रहेगी।

उन्होंने बताया कि शेष शवों को निकालने का अभियान शनिवार सुबह फिर से शुरू होगा।

पुलिस के अनुसार वाहन में सवार सभी लोग असम के तेजपुर जिले के मजदूर थे। यह दुर्घटना आठ दिसंबर की शाम को हयूलियांग से चागलागम की ओर लगभग 40 किलोमीटर दूर हुई थी।

बस हादसे के बाद दस दिसंबर की शाम को एक जीवित व्यक्ति खाई से बाहर निकल कर नजदीकी सीमा सड़क कार्यबल (बीआरटीएफ) के श्रम शिविर तक पहुंचा।

अधिकारियों ने बताया कि उसके बाद बीआरटीएफ के कमान अधिकारी ने तुरंत जिला प्रशासन को सूचित किया।

राज्य आपदा प्रबंधन सचिव दानी सालू ने कहा कि बेहद दुर्गम भूभाग और अनिश्चित मौसम को देखते हुए, 10 दिसंबर की रात को बचाव प्रयास करना असुरक्षित माना गया।

उन्होंने बताया कि अगले दिन सेना, बीआरटीएफ, स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन ने शवों को निकालने के लिए व्यापक अभियान चलाया।

सालू ने बताया कि अब तक 18 शवों की पहचान हो चुकी है।

उन्होंने बताया कि मिनी-ट्रक निजी स्वामित्व वाला था और मजदूरों को एक निजी ठेकेदार द्वारा ले जाया जा रहा था।

उन्होंने कहा, ‘‘निजी ठेकेदार को पूछताछ के लिए थाने लाया गया।’’

इस दुर्घटना में हुई लोगों की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने सेना, बीआरओ, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की चुनौतीपूर्ण भूभाग में इस संकट से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई की सराहना की।

भाषा

राजकुमार रंजन

रंजन


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