बेंगलुरु में कार्यक्रम को लेकर सोनू निगम का बड़ा खुलासा, कन्नड़ में गाने के लिए दी गई धमकी
Sonu Nigam on Bengaluru event: गायक सोनू निगम ने कहा है कि उन्हें कार्यक्रम के दौरान कुछ लड़कों ने कन्नड़ में गाना गाने के लिए धमकाया था। निगम ने लोगों से आग्रह किया कि वे कुछ लोगों की कृत्य की वजह से पूरे समुदाय को जिम्मेदार ना ठहराएं।
Sonu Nigam on Bengaluru event: image source: The Express Tribune
- मशहूर गायक सोनू निगम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
- कुछ लड़कों ने कन्नड़ में गाना गाने के लिए धमकाया : sonu nigam
नयी दिल्ली: Sonu Nigam on Bengaluru event बेंगलुरु में हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कन्नड़ समुदाय की भावनाएं आहत करने के आरोपों को लेकर अपने खिलाफ प्राथमिकी का सामना कर रहे प्रसिद्ध गायक सोनू निगम ने कहा है कि उन्हें कार्यक्रम के दौरान कुछ लड़कों ने कन्नड़ में गाना गाने के लिए धमकाया था। निगम ने लोगों से आग्रह किया कि वे कुछ लोगों की कृत्य की वजह से पूरे समुदाय को जिम्मेदार ना ठहराएं।
बेंगलुरु के अवलहल्ली पुलिस थाने में शनिवार को मशहूर गायक सोनू निगम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। आरोप है कि एक दर्शक द्वारा कन्नड़ में गाने की मांग करने पर उन्होंने जवाब दिया, ‘कन्नड़, कन्नड़… यही तो वजह है पहलगाम वाली घटना की।’’
‘कर्नाटक रक्षण वेदिके’ (केआरवी) के अध्यक्ष धर्मराज अनंतैया ने अपनी शिकायत में कहा कि निगम ने न केवल कन्नड़ लोगों का अपमान किया है, बल्कि कन्नड़ गीत के अनुरोध को आतंकवादी कृत्य से जोड़कर उनके सांस्कृतिक गौरव और भाषाई पहचान की तुलना हिंसा और असहिष्णुता से की है। सोनू निगम ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करके अपना पक्ष रखा।
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गुंडे किस्म के लोग थे जो जोर-जोर से ‘कन्नड़-कन्नड़’ चिल्ला रहे थे
Sonu Nigam on Bengaluru event निगम ने कहा, ‘‘वहां चार-पांच गुंडे किस्म के लोग थे जो जोर-जोर से ‘कन्नड़-कन्नड़’ चिल्ला रहे थे। कुछ लड़कियां उन्हें समझा रही थीं कि ऐसा मत करो, माहौल खराब हो रहा है। मैं उन चार-पांच लोगों को बस ये बताना चाहता था कि पहलगाम में जब आतंकवादियों ने हमला किया था, तब उन्होंने किसी से ये नहीं पूछा था कि वे कौन-सी भाषा बोलते हैं…।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ आपको उन्हें दर्शकों के रूप में एक कलाकार को गाने के लिए मजबूर करने की धमकी नहीं देनी चाहिए। एक कलाकार को दर्शकों के दबाव या डर के कारण गाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। जो लोग दूसरों को भड़काते हैं, उन्हें उसी वक्त रोकना ज़रूरी है। अगर कोई नफरत के बीज उस जमीन पर बो रहा है, जहां हमेशा प्यार पनपा है, तो हमें उसे रोकना चाहिए।’’
उन्होंने आगे कहा कि कन्नड़ लोग बहुत ही अच्छे होते हैं, इसलिए कुछ लोगों की हरकतों के आधार पर पूरे समुदाय को दोष देना ठीक नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘वहां सिर्फ चार-पांच लड़के थे जो मेरे पहले गाने के बाद मुझे गुस्से के साथ घूर रहे थे। वे गाना गाने की मांग नहीं कर रहे थे, बल्कि धमका रहे थे। आप चाहें तो वहां मौजूद लोगों से इस बारे में पूछ सकते हैं।’’
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