सबरीमला में स्वर्ण आवरण कार्यों के प्रायोजक के पास आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं था: टीडीबी

सबरीमला में स्वर्ण आवरण कार्यों के प्रायोजक के पास आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं था: टीडीबी

सबरीमला में स्वर्ण आवरण कार्यों के प्रायोजक के पास आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं था: टीडीबी
Modified Date: October 12, 2025 / 02:52 pm IST
Published Date: October 12, 2025 2:52 pm IST

कोच्चि, 12 अक्टूबर (भाषा) त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) सतर्कता विभाग ने सबरीमला श्रीकोविल (गर्भगृह) से सोना खोने के मामले में अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा है कि मंदिर में कई स्वर्ण-आवरण कार्यों को प्रायोजित करने वाले बेंगलुरु के व्यवसायी उन्नीकृष्णन पोट्टी के पास आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं था।

प्रारंभिक जांच के तहत सतर्कता विभाग ने पोट्टी के चार्टर्ड अकाउंटेंट के माध्यम से 2017 से 2025 तक के उनके आयकर रिटर्न की जांच की।

रिपोर्ट केरल उच्च न्यायालय में दायर की गई, जिसने प्रारंभिक जांच के आदेश दिए।

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बाद में उस रिपोर्ट के आधार पर केरल उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) जांच कर रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘कोई स्थायी आय होने की जानकारी नहीं मिली है। वर्ष 2025-26 में, ‘अन्य सामाजिक या सामुदायिक सेवा’ श्रेणी के तहत कामाक्षी एंटरप्राइजेज से उनके बैंक खाते में 10.85 लाख रुपये जमा किए गए।’’

सतर्कता विभाग ने सबरीमला में पोट्टी द्वारा प्रायोजित कार्यों की व्यापक जांच की सिफ़ारिश की है। जांच ​​में पाया गया कि श्रीकोविल द्वार की मरम्मत और सोने की परत चढ़ाने के काम के लिए वास्तव में बेल्लारी के एक व्यवसायी गोवर्धनन ने वित्त पोषण किया था।

इससे पहले दावा किया गया था कि वह कार्य पोट्टी ने प्रायोजित किया था।

सतर्कता रिपोर्ट में 2019 में द्वारपालकों की सोने से मढ़ी हुई प्लेटें पोट्टी को सौंपने में देवस्वोम के नौ अधिकारियों की ओर से हुई चूक की ओर इशारा किया गया है।

भाषा जोहेब सुरेश

सुरेश


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