आपातकाल के दौरान छोड़े गए अधिकारों के कारण भारतीय मछुआरों को पकड़ता है श्रीलंका : जयशंकर

आपातकाल के दौरान छोड़े गए अधिकारों के कारण भारतीय मछुआरों को पकड़ता है श्रीलंका : जयशंकर

आपातकाल के दौरान छोड़े गए अधिकारों के कारण भारतीय मछुआरों को पकड़ता है श्रीलंका : जयशंकर
Modified Date: June 27, 2025 / 01:25 pm IST
Published Date: June 27, 2025 1:25 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि श्रीलंका द्वारा भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार करने का मुद्दा आपातकाल के दौरान हुए एक समझौते से उपजा है, जिसके तहत कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में मछली पकड़ने के अधिकार भारत ने छोड़ दिए थे।

जयशंकर ने आपातकाल की 50वीं बरसी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के युवा मोर्चा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि यदि उस समय वास्तविक संसद काम कर रही होती तो श्रीलंका के साथ यह समझौता नहीं होता।

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उन्होंने कहा कि उस समय कभी-कभी बिना किसी संसदीय चर्चा के बड़े फैसले ले लिए जाते थे।

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हम श्रीलंका द्वारा हमारे मछुआरों को गिरफ्तार किए जाने के बारे में सुनते रहते हैं। इसका कारण यह है कि आपातकाल के दौरान एक समझौता किया गया था, जिसके तहत श्रीलंका के कुछ समुद्री क्षेत्र में मछली पकड़ने के मछुआरों के अधिकार को छोड़ दिया गया था।’’

उन्होंने कहा कि अगर उस समय वास्तविक संसद काम कर रही होती तो चर्चा होती और इस फैसले को स्वीकार नहीं किया जाता।

उन्होंने कहा कि इस निर्णय के परिणाम तमिलनाडु में अब भी दिखाई देते हैं।

जयशंकर ने कहा कि दुनिया में सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत की छवि को तब धक्का लगा जब 25 जून 1975 को आपातकाल लगाया गया। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रावासों में पुलिस छापों के अपने अनुभवों और जॉर्ज फर्नांडिस जैसे नेताओं के साथ अपने परिवार के संबंधों को भी याद किया।

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘मैंने विदेश सेवा में अपने वरिष्ठों से सुना था कि आपातकाल लगाकर संविधान और लोकतंत्र की हत्या के बाद भारत की रक्षा करना कितना कठिन था।’’

गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए जयशंकर ने कहा कि जब देश से पहले ‘‘परिवार’’ को रखा जाता है तो आपातकाल की स्थिति पैदा हो जाती है। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘कुछ लोग संविधान की प्रति अपनी जेब में रखते हैं, लेकिन उनके दिल में कुछ और ही होता है।’’

उन्होंने कहा कि लोगों को भविष्य में ऐसी किसी भी स्थिति से बचने के लिए सशक्त बनाया जाना चाहिए, क्योंकि सशक्त जनता ऐसा कभी नहीं होने देगी।

भाषा गोला वैभव

वैभव


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