Rath Yatra 2025: भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में भगदड़ के बाद बड़ी कार्रवाई, माझी सरकार ने पुरी के DM और SP को किया ट्रांसफर, 2 पुलिस अधिकारी भी सस्पेंड
Rath Yatra 2025: भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में भगदड़ के बाद बड़ी कार्रवाई, माझी सरकार ने पुरी के DM और SP को किया ट्रांसफर, 2 पुलिस अधिकारी भी सस्पेंड
Rath Yatra 2025 | Photo Credit: IBC24
- पुरी रथ यात्रा में भगदड़ से 3 लोगों की मौत
- CM माझी का बड़ा एक्शन
- DM-SP बदले, दो पुलिस अधिकारी सस्पेंड
भुवनेश्वर: Rath Yatra 2025 ओडिशा के पुरी मंदिर में रविवार को भगदड़ मचने से तीन लोगों की मौत और करीब 50 लोगों के घायल हो जाने के बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन और पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल के तबादले का आदेश दिया। एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया कि भगदड़ के लिए जिम्मेदार ‘‘लापरवाही’’ को ‘‘अक्षम्य’’ बताते हुए माझी ने दो पुलिस अधिकारियों – पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) बिष्णु पति और कमांडेंट अजय पाधी के निलंबन की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने खुर्दा के जिलाधिकारी चंचल राणा को पुरी का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया है। अग्रवाल की जगह पिनाक मिश्रा पुरी के पुलिस अधीक्षक का पद संभालेंगे।
Rath Yatra 2025 माझी ने विकास आयुक्त की निगरानी में मामले की प्रशासनिक जांच के भी आदेश दिए हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि ओडिशा सरकार मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक अन्य अधिसूचना में कहा गया है कि वरिष्ठ अधिकारी अरविंद अग्रवाल को रथ यात्रा के समग्र पर्यवेक्षण के प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है।
अग्रवाल के पास रथयात्रा के प्रबंधन का पिछला अनुभव है। अधिसूचना के अनुसार, अग्रवाल वर्तमान में खेल और युवा मामलों के विभाग के विशेष सचिव के अतिरिक्त प्रभार के साथ उच्च शिक्षा विभाग में आयुक्त-सह-सचिव के रूप में कार्यरत हैं। अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा के पुरी में श्री गुंडिचा मंदिर के पास रविवार सुबह भगदड़ मचने से दो महिलाओं समेत कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और करीब 50 अन्य घायल हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना सुबह तड़के चार बजे हुई, जब सैकड़ों श्रद्धालु रथ यात्रा उत्सव देखने के लिए मंदिर के पास एकत्र हुए थे। पूजन से संबंधित सामग्री ले जा रहे दो ट्रकों के कथित तौर पर भगवान जगन्नाथ और उनके सहोदर देवताओं के रथों के पास भीड़भाड़ वाले स्थान में प्रवेश करने के बाद अराजकता फैल गई। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवानों के चेहरे पर ढके ‘पाहुड़ा’ (कपड़े) को हटाने के बाद उनके दर्शन पाने के लिए तड़के से ही मंदिर के बाहर जमा हो गए थे।

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