जयपुर सीरियल बम विस्फोट मामले की जांच में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी: गहलोत

जयपुर सीरियल बम विस्फोट मामले की जांच में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी: गहलोत

जयपुर सीरियल बम विस्फोट मामले की जांच में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी: गहलोत
Modified Date: April 20, 2023 / 11:07 pm IST
Published Date: April 20, 2023 11:07 pm IST

जयपुर, 20 अप्रैल (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि जयपुर सीरियल बम विस्फोट मामले की जांच में लापरवाही बरतने वाले उन सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिनके कारण उच्च न्यायालय ने आरोपियों को बरी कर दिया।

गहलोत ने जयपुर में प्रताड़ना के कारण एक व्यक्ति की आत्महत्या और प्रभावशाली लोगों का नाम लेकर चूरू में एक पुलिस हेडकांस्टेबल के साथ दुर्व्यवहार की घटना को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया। मुख्यमंत्री गहलोत यहां कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री गहलोत ने 2008-जयपुर बम विस्फोट मामले में पिछले महीने राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा घटिया जांच के आधार पर आरोपियों को बरी किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि जांच में लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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उल्लेखनीय है राजस्थान उच्च न्यायालय ने 29 मार्च को 2008 जयपुर सीरियल बम विस्फोट मामले के अभियुक्तों को घटिया जांच के आधार पर बरी कर दिया था। निचली अदालत ने उन्हें मृत्युदंड दिया था। अदालत ने इस मामले को संस्थागत विफलता का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया था। जिसके परिणामस्वरूप गलत/प्रवाहित/घटिया जांच हुई।

गौरतलब है कि 13 मई, 2008 को चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट समेत कई जगहों पर सिलसिलेवार धमाकों में 71 लोग मारे गए थे और 185 अन्य घायल हुए थे।

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने गरीबों के उत्पीड़न की घटना पर चिंता व्यक्त की।

एक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर में होटल बनवाने को लेकर एक गरीब व्यक्ति द्वारा प्रताड़ना के कारण आत्महत्या करने की घटना अत्यंत दु:खद है। जिला प्रशासन को ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेना चाहिए और त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को प्रभावशाली लोगों के उत्पीड़न से बचाने के लिए जिला प्रशासन को सक्रिय होना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को जमीन संबंधी विवाद को लेकर सुभाष चौक थाना क्षेत्र में रामप्रसाद द्वारा कथित आत्महत्या करने के बाद जलदाय मंत्री महेश जोशी पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।

मृतक राम प्रसाद ने एक वीडियो शूट किया और इस कदम के लिए मंत्री महेश जोशी और अन्य को जिम्मेदार ठहराया।

आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिजन भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी मीणा के साथ एक गोदाम के बाहर धरने पर बैठे हैं। मृतक ने इसी गोदाम में आत्महत्या की थी। शव का पोस्टमॉर्टम बृहस्पतिवार को घटनास्थल पर ही कराया गया लेकिन परिजनों ने अभी तक शव स्वीकार नहीं किया है।

मुख्यमंत्री ने चुरू में एक ट्रैफिक हेड कांस्टेबल के साथ कुछ लोगों द्वारा की गई बदसलूकी पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि पुलिस प्रशासन का मनोबल बढ़े।

सिसकते हुए पुलिसकर्मी का एक वीडियो हाल ही में वायरल हुआ था, जिसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोप लगाया था कि आरोपी प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड के आदमी थे।

मुख्यमंत्री ने राज्य में अपराध की स्थिति की समीक्षा की।

बैठक में बताया गया कि पुलिस प्रशासन के प्रयासों से राज्य में महिला अत्याचार के अनुसंधान में लगने वाला समय लगातार कम हुआ है। जहां 2019 में इस तरह के प्रकरणों के अनुसंधान में औसतन 108 दिन का समय लगता था, वह अब घटकर मात्र लगभग 41 दिन रह गया है।

पिछले वर्ष की तुलना में दहेज हत्या, बलात्कार एवं पॉक्सो प्रकरणों की संख्या में क्रमशः 9.35, 6.92 एवं 4.65 प्रतिशत की कमी आई है। बलात्कार एवं पॉक्सो प्रकरणों में 2019 से अब तक 1344 लोगों को सजा सुनाई जा चुकी है, जिनमें 13 को फांसी की सजा दी गई है।

भाषा कुंज अर्पणा

अर्पणा


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