ISKCON Rath Yatra in Kolkata: कोलकाता में इस्कॉन की रथयात्रा के लिए भगवान जगन्नाथ के रथ में सुखोई लड़ाकू विमान के पहिये लगाए, 48 साल तक रथ में लगे थे बोइंग विमान के पहिये

ISKCON Rath Yatra in Kolkata: इससे पहले 48 साल तक रथ में बोइंग विमानों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पहिये लगे हुए थे। इस साल 27 जून को होने वाली रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ को नए पहियों वाले रथ पर ले जाया जाएगा।

ISKCON Rath Yatra in Kolkata: कोलकाता में इस्कॉन की रथयात्रा के लिए भगवान जगन्नाथ के रथ में सुखोई लड़ाकू विमान के पहिये लगाए, 48 साल तक रथ में लगे थे बोइंग विमान के पहिये

ISKCON Rath Yatra in Kolkata, image source: ani

Modified Date: June 2, 2025 / 11:52 pm IST
Published Date: June 2, 2025 11:28 pm IST
HIGHLIGHTS
  • 27 जून को होने वाली है भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा
  • सुखोई के पहिये लगाने के लिए लकड़ी के रथ में कुछ संरचनात्मक बदलाव करना पड़ा

कोलकाता: ISKCON Rath Yatra in Kolkata, कोलकाता में इस्कॉन की रथयात्रा के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले भगवान जगन्नाथ के रथ में नए पहिये लगाए गए हैं। ये पहिये सुखोई लड़ाकू विमानों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इससे पहले 48 साल तक रथ में बोइंग विमानों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पहिये लगे हुए थे। इस साल 27 जून को होने वाली रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ को नए पहियों वाले रथ पर ले जाया जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के अनुसार, पुराने पहियों को सुखोई लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल किए जाने वाले नए पहियों से बदल दिया गया है। कोलकाता के इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पिछले 48 वर्षों से भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने के लिए बोइंग विमान में इस्तेमाल किए जाने वाले पहियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन पिछले 20 वर्षों से वे चार पुराने पहियों में तकनीकी समस्याओं के कारण उन्हें बदलने की कोशिश कर रहे हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘हम पहिये बदलना चाह रहे थे, लेकिन बोइंग के पहिये बनाने वाली कंपनी डनलप ने कई साल पहले परिचालन बंद कर दिया था। गहन शोध के बाद, सुखोई के पहिये हमारी विशिष्टताओं से काफी मेल खाते थे, क्योंकि उनका व्यास बोइंग में इस्तेमाल किए जाने वाले पहियों के समान ही था।’’

दास ने कहा, ‘‘इसके बाद हमने एमआरएफ कंपनी से संपर्क किया जो सुखोई लड़ाकू विमानों के लिए पहिये बनाती है। कंपनी के विशेषज्ञ पिछले साल दिसंबर में कोलकाता आए और रथ यात्रा पर भगवान जगन्नाथ की मूर्ति ले जाने वाले हमारे रथ का निरीक्षण किया।’’ दास ने कहा कि सुखोई के पहिये लगाने के लिए लकड़ी के रथ में कुछ संरचनात्मक बदलाव करना पड़ा।

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सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com