न्यायालय ने गुजरात सरकार से मोरबी पुल दुर्घटना में अनाथ हुए बच्चों के पुनर्वास पर हलफनामा दाखिल करने को कहा
न्यायालय ने गुजरात सरकार से मोरबी पुल दुर्घटना में अनाथ हुए बच्चों के पुनर्वास पर हलफनामा दाखिल करने को कहा
अहमदाबाद, 31 अगस्त (भाषा) गुजरात उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह एक हलफनामा दायर कर उन बच्चों के पुनर्वास के लिए अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी दे, जो मोरबी शहर में पिछले साल अक्टूबर में एक झूला पुल के गिरने से अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद अनाथ हो गए थे।
त्रासदी के बाद पिछले साल स्वीकार की गई एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान, महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति ए. पी. माई की खंडपीठ को सूचित किया कि राज्य सरकार ने उन सात बच्चों के निकट संबंधी को 50-50 लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान किया है, जो हादसे में माता-पिता की मौत के बाद अनाथ हो गये थे।
उन्होंने कहा कि एक विशेष टीम द्वारा दुर्घटना की जांच की जा रही है और तीन सप्ताह में अंतिम रिपोर्ट आ जाएगी।
अनाथ बच्चों के पुनर्वास उपायों के बारे में त्रिवेदी ने पीठ से कहा, ‘‘हम (राज्य सरकार) उनकी स्कूली शिक्षा और भोजन का ध्यान रख रहे हैं, हमने उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं में शामिल किया है।’’
उच्चतम न्यायालय के निर्देश का हवाला देते हुए, पीठ ने महाधिवक्ता से उन बच्चों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार द्वारा अब तक उठाए गये कदमों के बारे में एक हलफनामा दाखिल करने को कहा, जो उस हादसे में अनाथ हो गए थे।
गुजरात के मोरबी शहर में मच्छू नदी पर ब्रिटिशकाल का झूला पुल पिछले साल 30 अक्टूबर को ढह गया था, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित 135 लोगों की मौत हो गई थी और 56 अन्य घायल हो गए थे।
भाषा रंजन रंजन देवेंद्र
देवेंद्र

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