उच्चतम न्यायालय मूक-बधिर लोगों के खिलाफ मुकदमे के लिए दिशानिर्देश बनाने पर विचार कर रहा

उच्चतम न्यायालय मूक-बधिर लोगों के खिलाफ मुकदमे के लिए दिशानिर्देश बनाने पर विचार कर रहा

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  • Publish Date - April 18, 2024 / 10:49 PM IST,
    Updated On - April 18, 2024 / 10:49 PM IST

नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने ऐसे आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए दिशानिर्देश तय करने के मुद्दे की पड़ताल करने का फैसला किया है, जो मूक-बधिक तो हैं, लेकिन बलात्कार जैसा जघन्य अपराध करने के लिए चिकित्सकीय तौर पर सक्षम हैं।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने 16 अप्रैल के अपने आदेश में कहा कि यह उनके ध्यान में लाया गया है कि शीर्ष अदालत ने अब तक ऐसे दिशानिर्देश नहीं बनाए हैं।

यह मुद्दा पीठ के समक्ष उठाया गया, जिसने एक ऐसे व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया, जो मूक-बधिक है और दो नाबालिग लड़कियों से बलात्कार का दोषी भी है।

पीठ ने कहा कि मामले में केंद्र सरकार और प्रतिवादी राज्य (छत्तीसगढ़) को नोटिस जारी किया गया।

इसने कहा कि प्रतिवादी 26 जुलाई तक अपना जवाब दाखिल करें।

भाषा शफीक सुरेश

सुरेश