उच्चतम न्यायालय ने एनएलयू कंसोर्टियम को दिव्यांग उम्मीदवारों को लिपिक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया

उच्चतम न्यायालय ने एनएलयू कंसोर्टियम को दिव्यांग उम्मीदवारों को लिपिक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया

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  • Publish Date - March 17, 2023 / 08:59 PM IST,
    Updated On - March 17, 2023 / 08:59 PM IST

नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (एनएलयू) के कंसोर्टियम को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि लिखने में असमर्थ वैसे दिव्यांग उम्मीदवारों को एलएलबी पाठ्यक्रम में दाखिले से संबंधित कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) परीक्षा में बैठने के लिए एक लिपिक (स्क्राइब) उपलब्ध कराया जाए, जो खुद से इसका इंतजाम कर पाने में अक्षम हैं।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने दिव्यांग उम्मीदवारों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के आधिकारिक ज्ञापन में निर्धारित सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कई निर्देश पारित करते हुए यह आदेश सुनाया।

शीर्ष अदालत ने, हालांकि कुछ समय के लिए एनएलयू के कंसोर्टियम की उस दलील को स्वीकार कर लिया कि क्लैट में सफल होने के इच्छुक उम्मीदवार को लिपिक के तौर पर 11 वीं कक्षा का ऐसा विद्यार्थी उपलब्ध नहीं कराया जा सकता, जो किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कोई कोचिंग ले रहा/रही है।

पीठ ने निर्देश दिया, ‘‘एनएलयू के कंसोर्टियम को वैसे उम्मीदवार को लिपिक उपलब्ध कराना चाहिए, जो इसका इंतजाम करने में सक्षम नहीं हैं।’’

शीर्ष अदालत का आदेश दिव्यांग अधिकार कार्यकर्ता अर्नब रॉय द्वारा दायर एक याचिका पर आया है।

भाषा सुरेश नरेश

नरेश