भोपाल की साध्वी के भाई को उच्चतम न्यायालय से जमानत, 90 लाख की ठगी का है मामला
भोपाल की साध्वी के भाई को उच्चतम न्यायालय से जमानत, 90 लाख की ठगी का है मामला
नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में स्थित राम जानकी मंदिर से जुड़े 90 लाख रुपये की ठगी के मामले में भोपाल की रहने वाली एक साध्वी के भाई को जमानत दे दी।
यह मामला मंदिर के महंत की मौत के बाद सामने आया था।
न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि जमानत किसी भी आरोपी का अधिकार है।
यह फैसला हर्ष रघुवंशी की उस याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिसमें उन्होंने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें दी गई जमानत को रद्द करने के फैसले को चुनौती दी थी।
आरोपी की ओर से पेश वकील अश्विनी दुबे ने दलील दी कि याचिकाकर्ता का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और उसे जांच के दौरान झूठे तौर पर मामले में फंसाया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि हर्ष रघुवंशी ने कोई अपराध नहीं किया और उसका नाम केवल जांच के दौरान सह-आरोपी के रूप में जोड़ा गया।
हालांकि, मध्य प्रदेश सरकार की ओर से याचिका का विरोध किया गया।
मामले में उच्च न्यायालय ने 19 मई को साध्वी लक्ष्मी दास उर्फ रीना रघुवंशी को दी गई अग्रिम जमानत और उनके भाई को दी गई नियमित जमानत रद्द कर दी थी।
साध्वी लक्ष्मी दास को 20 दिसंबर 2024 को इस शर्त पर अग्रिम जमानत दी गई थी कि वह कथित तौर पर गबन की गई राशि— करीब 90 लाख रुपये— बैंक में सुरक्षा राशि के तौर पर जमा करेंगी।
पुलिस के अनुसार, 17 अप्रैल 2023 को महंत कनक दास महाराज की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। उनके नाम से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में एक बचत खाता था, जिसमें 88,74,081 रुपये जमा थे। उन्होंने किसी को भी उस खाते का ‘नॉमिनी’ नहीं बनाया था।
आरोप है कि महंत की शिष्या रही साध्वी ने धोखाधड़ी की नीयत से यह रकम निकाल ली।
पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 403 (अमानतनिधि का गबन) और 404 (मृत व्यक्ति की संपत्ति का गबन) के तहत मामला दर्ज किया है।
भाषा सुरेश पवनेश
पवनेश

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