Supreme Court on Stray Dogs: ‘इस मामले को बंद नहीं करेंगे…’ डॉग लवर्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, फैसला सुरक्षित

Supreme Court on Stray Dogs: 'इस मामले को बंद नहीं करेंगे...' डॉग लवर्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, फैसला सुरक्षित

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  • Publish Date - August 14, 2025 / 12:20 PM IST,
    Updated On - August 14, 2025 / 12:20 PM IST

Supreme Court on Stray Dogs: 'इस मामले को बंद नहीं करेंगे...' डॉग लवर्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई / Image Source: File

HIGHLIGHTS
  • सुप्रीम कोर्ट ने बेघर कुत्तों के मुद्दे पर फैसला सुरक्षित रखा
  • तुषार मेहता ने सुरक्षा का मुद्दा उठाया
  • कपिल सिब्बल ने नियमों के उल्लंघन की बात कही

नई दिल्ली: Supreme Court on Stray Dogs दिल्ली-NCR में बेघर कुत्तों को शेल्टर होम में डालने का मुद्दा अब देशव्यापी बन चुका है। मामले को लेकर देश की कई नमी हस्तियों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया है। वहीं, इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने आज मामले में सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामले में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की विशेष पीठ ने सुनवाई की।

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Supreme Court on Stray Dogs दिल्ली सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि कुत्तों के हमले से बच्चे मर रहे हैं। नसबंदी से कुत्तों के काटने की घटनाएं थम नहीं रही हैं। देश में इस तरह के कई चौंकाने वाले मामले हैं। हमारा इतना कहना है कि कोई भी जानवरों से नफरत नहीं करता है, लेकिन सुरक्षा जरूरी है। कोई भी कुत्तों को मारने के लिए नहीं कह रहा है, हम बस उन्हें इंसानी आबादी से अलग रखने को कह रहे हैं। लोग बच्चों को बाहर भेजने से डर रहे हैं। नियमों से समाधान नहीं होगा। अदालत को हस्तक्षेप करना होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी देश में दो पक्ष होते हैं। एक मैजोरिटी है, जो मुखर होकर बात करती है लेकिन दूसरा पक्ष चुपचाप सहता जाता है। लेकिन यहां वोकल माइनॉरिटी है, जो चिकन खाती है और अब पशु प्रेमी बन गई है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों को सुनने के बाद डॉग लवर्स की ओर से पेश हुए अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा​ कि कुत्तों को नसबंदी के बाद छोड़ा नहीं जाएगा, तो फिर वे कहां जाएंगे? ये नियमों के खिलाफ है, इस पर रोक लगनी चाहिए। जब एक बड़ी संख्या में कुत्तों को एक साथ शेल्टर में रखा जाएगा तो वे एक दूसरे पर हमला करेंगे, इससे इंसान भी प्रभावित होंगे।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि कुत्तों को सड़कों से उठाने के फैसले पर फिलहाल रोक लगनी चाहिए और हमें जवाब देने के लिए समय देना चाहिए। इस दौरान कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला गुरुवार शाम को अपलोड किया गया लेकिन इससे पहले ही सड़कों से कुत्ते उठाने शुरू कर दिए गए। इस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसा कैसे किया जा रहा है जिस पर सिब्बल ने कहा कि प्रशासन ने कुत्ते उठाना शुरू कर दिया है।

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सिब्बल ने कहा कि कुत्तों को आखिर कहां रखा जाएगा? कुत्तों को नसबंदी कर उन्हें हमेशा के लिए शेल्टर में कैसे रखा जा सकता है? इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को हलफनामा दायर करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह आज इस मामले को बंद नहीं करेंगे, सिर्फ देखेंगे कि फैसले के किस-किस हिस्से पर आपत्ति है और या उन पर रोक लगानी चाहिए या नहीं। अदालत ने कहा कि समाधान निकालना जरूरी है। समाधान निकाला जाए ना कि विवाद बढ़ाया जाए। यह कहते हुए कोर्ट ने फिलहाल अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

दिल्ली-NCR बेघर कुत्तों मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्या किया है?

सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

दिल्ली सरकार की दलील में मुख्य बिंदु क्या थे?

दिल्ली सरकार की ओर से तुषार मेहता ने कहा कि कुत्तों के हमले बढ़ रहे हैं और उन्हें इंसानी आबादी से अलग रखना जरूरी है।

डॉग लवर्स का इस मामले में क्या तर्क है?

डॉग लवर्स की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि नसबंदी के बाद कुत्तों को छोड़ना नियमों के तहत जरूरी है, शेल्टर में रखना खतरनाक है।

कोर्ट ने मामले में आगे क्या निर्देश दिए हैं?

कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से हलफनामा मांगा है और फैसला देने से पहले सभी आपत्तियों पर विचार करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने किस बात पर जोर दिया है?

कोर्ट ने कहा कि विवाद बढ़ाने के बजाय समाधान ढूंढना जरूरी है।