सांडों को वश में करने वाला खेल ‘जल्लीकट्टू’ राज्य की सांस्कृतिक विरासत है, नहीं लगेगी रोक, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

Supreme Court verdict on Jallikattu in Tamil Nadu: सांडों को वश में करने वाला खेल ‘जल्लीकट्टू’ राज्य की सांस्कृतिक विरासत है।

सांडों को वश में करने वाला खेल ‘जल्लीकट्टू’ राज्य की सांस्कृतिक विरासत है, नहीं लगेगी रोक, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

Supreme Court verdict on Jallikattu in Tamil Nadu

Modified Date: May 18, 2023 / 02:51 pm IST
Published Date: May 18, 2023 12:15 pm IST

Supreme Court verdict on Jallikattu in Tamil Nadu : नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को तमिलनाडु के उस कानून की वैधता बरकरार रखी, जिसके तहत सांडों से जुड़े खेल ‘जल्लीकट्टू’ को मंजूरी दी गई थी।न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया। पीठ ने इसी के साथ बैलगाड़ी दौड़ की अनुमति देने वाले महाराष्ट्र के कानून की वैधता भी बरकरार रखी।

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Supreme Court verdict on Jallikattu in Tamil Nadu : ‘जल्‍लीकट्टू’ तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों में पोंगल के त्योहार के दौरान आयोजित किया जाने वाला एक पारंपरिक खेल है। सांडों के साथ होने वाले इस खेल पर रोक लगाने की मांग भी उठती रही है।

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Supreme Court verdict on Jallikattu in Tamil Nadu : संविधान पीठ ने ‘जल्‍लीकट्टू’ और बैलगाड़ी दौड़ के आयोजन की अनुमति देने वाले तमिलनाडु और महाराष्ट्र के कानून को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया। इस पीठ में न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार भी शामिल थे।

 

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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years