शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर निर्वाचन अधिकारियों को डराने-धमकाने की चेष्टा करने का लगाया आरोप

शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर निर्वाचन अधिकारियों को डराने-धमकाने की चेष्टा करने का लगाया आरोप

शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर निर्वाचन अधिकारियों को डराने-धमकाने की चेष्टा करने का लगाया आरोप
Modified Date: July 29, 2025 / 04:26 pm IST
Published Date: July 29, 2025 4:26 pm IST

कोलकाता, 29 जुलाई (भाषा) बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर ‘बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओएस)’ को ‘डराने-धमकाने’ की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग (ईसी) से इस मामले का संज्ञान लेने तथा चुनाव प्रक्रिया की शुचिता सुनिश्चित करने की अपील की।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को लिखे पत्र में अधिकारी ने आरोप लगाया कि बनर्जी ने सार्वजनिक बयान दिए हैं जो बीएलओएस के कर्तव्यों और निर्वाचन आयोग की देखरेख वाले व्यापक चुनावी ढांचे में ‘प्रत्यक्ष और अनुचित हस्तक्षेप’ है।

उन्होंने सोमवार को बोलपुर में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के भाषण का हवाला देते हुए दावा किया, ‘‘अपनी हालिया टिप्पणी में सुश्री ममता बनर्जी ने दिल्ली में लगभग एक हजार बीएलओ के प्रशिक्षण पर नाराजगी व्यक्त की और आरोप लगाया कि न तो उन्हें और न ही मुख्य सचिव को इस पहल के बारे में सूचित किया गया।’’

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विपक्ष के नेता ने कहा, ‘‘ उन्होंने (बनर्जी ने) बीएलओ को यह भी याद दिलाया कि वे राज्य सरकार के कर्मचारी हैं, जिसका तात्पर्य यह है कि चुनाव-पूर्व और चुनाव-पश्चात अवधि के दौरान उनकी निष्ठा निर्वाचन आयोग के बजाय राज्य प्रशासन के प्रति होती है।’’

अधिकारी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने बीएलओ को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मतदाता सूची से कोई भी नाम न हटाया जाए, जिसे ‘राजनीतिक उद्देश्यों के लिए मतदाता सूची के संशोधन को प्रभावित करने का प्रयास’ माना जा सकता है।

उन्होंने कहा कि ये बयान न केवल निर्वाचन आयोग की स्वायत्तता और अधिकार का अपमान है, बल्कि बीएलओ को ‘डराने और मजबूर करने’ का एक परोक्ष प्रयास भी है, जिन्हें मतदाता सूची और चुनावी प्रक्रिया की अखंडता सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इस तरह के हस्तक्षेप से स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने की संभावना पर गंभीर सवाल उठते हैं।’’

अधिकारी ने मुख्य चुनाव आयुक्त से अपील की है कि वह इन बयानों का स्वतः संज्ञान लें और उनके (मुख्यमंत्री के) इरादे तथा बीएलओ की स्वतंत्रता और चुनावी प्रक्रिया पर उनके प्रभाव का पता लगाने के लिए गहन जांच करें।

उन्होंने निर्वाचन आयोग से अपने अधिकारों को सुदृढ़ करने का भी आग्रह किया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बीएलओ और अन्य अधिकारी प्रतिशोध के डर के बिना अपनी ज़िम्मेदारियां निभा सकें।

इससे पहले एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य में बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई हैं।

भाषा

राजकुमार पवनेश

पवनेश


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