Dress Code for Teacher: शिक्षकों को अब पहनने पड़ेंगे ऐसे कपड़े, जींस और टीशर्ट पर हो सकती है कार्रवाई, यहां की सरकार ने लिया बड़ा फैसला

शिक्षकों को अब पहनने पड़ेंगे ऐसे कपड़े, Teachers will now have to wear such clothes, action can be taken against those wearing jeans and t-shirts

Dress Code for Teacher: शिक्षकों को अब पहनने पड़ेंगे ऐसे कपड़े, जींस और टीशर्ट पर हो सकती है कार्रवाई, यहां की सरकार ने लिया बड़ा फैसला
Modified Date: April 27, 2025 / 12:17 am IST
Published Date: April 26, 2025 11:14 pm IST

चंडीगढ़: Dress Code for Teacher: चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने शहर के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के लिए ‘ड्रेस कोड’ लागू किया है, जिसमें पुरुषों को फॉर्मल कपड़े और महिलाओं को सलवार-कमीज पहन कर आना होगा। विभाग ने शनिवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘पोशाक से संबंधित विशिष्टताओं में बताया गया है कि महिला कर्मचारियों को साड़ी, सलवार और कमीज पहनी होगी जबकि पुरुष कर्मचारी फॉर्मल शर्ट और ट्राउजर पहनेंगे।’’

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Dress Code for Teacher: इसमें कहा गया, ‘‘इस बदलाव का उद्देश्य शिक्षकों की उपस्थिति को एक समान करना, व्यावसायिकता की भावना को बढ़ावा देना और सीखने के लिए अनुकूल वातावरण बनाना है।’’ विज्ञप्ति में कहा गया कि शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने के साथ ही चंडीगढ़ सरकारी स्कूलों में इसे लागू करने वाला पहला राज्य या केंद्र शासित प्रदेश बन गया है।

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इसमें कहा गया, ‘‘शैक्षणिक संस्थानों में व्यावसायिक माहौल को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने प्रशासक यूटी चंडीगढ़ की सलाह पर कार्य करते हुए सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए एक सुंदर वर्दी लागू की है।’’ विज्ञप्ति में कहा गया कि डीगढ़ के धनास के सेक्टर-14 स्थित ‘पीएम श्री गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल’ में सबसे पहले इस पहल को लागू किया गया है। इसमें कहा गया कि पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने इस निर्णय की सरहाना की। विज्ञप्ति के अनुसार, कटारिया ने कहा, ‘‘एक समान ड्रेस कोड न केवल कर्मचारियों के बीच समानता को बढ़ावा देता है बल्कि गर्व और व्यावसायिकता की भावना भी पैदा करता है।’’


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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।