स्थानीय भाषाओं में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने के लिये तकनीकी शिक्षा संस्थाएं आगे आएं : उपराष्ट्रपति

स्थानीय भाषाओं में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने के लिये तकनीकी शिक्षा संस्थाएं आगे आएं : उपराष्ट्रपति

स्थानीय भाषाओं में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने के लिये तकनीकी शिक्षा संस्थाएं आगे आएं : उपराष्ट्रपति
Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 pm IST
Published Date: July 21, 2021 9:49 am IST

नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा नई शिक्षा नीति के अनुरूप 11 स्थानीय मातृ भाषाओं में बी. टेक. पाठ्यक्रमों को मान्यता दिए जाने की सराहना करते हुए बुधवार को कहा कि तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने वाले अन्य शिक्षा संस्थान भी स्थानीय भाषाओं में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने के लिये आगे आएं ।

उपराष्ट्रपति नायडू ने फेसबुक पोस्ट ‘मातृ भाषा में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम: सही दिशा में सही कदम’ में यह बात लिखी । उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि भाषाएं हमारे जीवन का अभिन्न अंग होती हैं। हमारी मातृ भाषा, हमारी स्थानीय भाषाएं, हमारे लिए विशेष स्थान रखती हैं, उनसे हमारा जन्म से ही जीवनपर्यंत का संबंध होता है।’’

नायडू ने कहा कि भारत अपनी समृद्ध भाषाई और सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्व भर में विख्यात है तथा यह सैकड़ों भाषाओं और हजारों बोलियों की भूमि है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी भाषाई विविधता हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की नींव है। मुझे खुशी है कि अपनी भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए हमने कई कारगर कदम उठाए हैं।’’

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उपराष्ट्रपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुसार, जहां तक संभव हो, कम से कम कक्षा 5 तक और बेहतर हो कि कक्षा 8 तक और उसके आगे भी….. मातृ भाषा/ स्थानीय भाषा/ क्षेत्रीय भाषा/ घरेलू भाषा में ही शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा ‘‘मैं देश के 8 राज्यों में स्थित उन 14 इंजीनियरिंग कॉलेजों का अभिनंदन करता हूं जिन्होंने नए शिक्षा सत्र से कुछ चुने हुए पाठ्यक्रमों को क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है । ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह भी संतोष है कि नई शिक्षा नीति के अनुसार ही अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने हिंदी, तेलुगु, मराठी, गुजराती, उड़िया, बांग्ला, असमिया, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी जैसी 11 स्थानीय मातृ भाषाओं में बी. टेक. पाठ्यक्रमों को मान्यता दे दी है । यह सही दिशा में लिया गया सही कदम है। ’’

वेंकैया नायडू ने कहा कि तकनीकी और व्यवसायिक शिक्षा प्रदान करने वाले अन्य शिक्षा संस्थान भी आगे आएं और स्थानीय भाषाओं में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराएं। ऐसी पहल विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित होगी।

भाषा दीपक दीपक मनीषा

मनीषा


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