तेलंगाना जल संरक्षण परियोजनाओं में अव्वल रहा, छत्तीसगढ़ दूसरे और राजस्थान तीसरे स्थान पर आया

तेलंगाना जल संरक्षण परियोजनाओं में अव्वल रहा, छत्तीसगढ़ दूसरे और राजस्थान तीसरे स्थान पर आया

तेलंगाना जल संरक्षण परियोजनाओं में अव्वल रहा, छत्तीसगढ़ दूसरे और राजस्थान तीसरे स्थान पर आया
Modified Date: November 11, 2025 / 03:35 pm IST
Published Date: November 11, 2025 3:35 pm IST

नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा) तेलंगाना 5.2 लाख जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण के साथ जल संचय जन भागीदारी (जेएसजेबी) 1.0 पहल के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य बनकर उभरा है। जलशक्ति मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने 4.05 लाख पूर्ण परियोजनाओं के साथ दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि राजस्थान 3.64 लाख संरचनाओं के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

पाटिल ने ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’ अभियान के तहत दिए जा रहे इस वर्ष के पुरस्कारों की घोषणा की।

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ये पुरस्कार 18 नवंबर को छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग के सचिव वी.एल. कांता राव द्वारा प्रदान किये जायेंगे।

सितंबर 2024 में सूरत में शुरू किया गया जेएसजेबी एक समग्र सरकार और समग्र समाज मॉडल के माध्यम से समुदाय-नेतृत्व वाले जल प्रबंधन को बढ़ावा देता है। राज्यों को कम से कम 10,000 कृत्रिम पुनर्भरण और भंडारण संरचनाएं बनाने का काम सौंपा गया था, जबकि नगर निगमों को कम से कम 10,000 और शहरी स्थानीय निकायों को 2,000-2,000 संरचनाएं बनानी थीं।

उत्तरी क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का दबदबा रहा, जहां 35,509 पूर्ण कार्यों के साथ मिर्जापुर शीर्ष स्थान पर रहा। राज्य में वाराणसी (24,409) दूसरे स्थान पर और जालौन (16,279) तीसरे स्थान रहा। तीनों जिलों को दो-दो करोड़ रुपये मिलेंगे।

पूर्वी क्षेत्र में छत्तीसगढ़ शीर्ष पर रहा, जहां बालोद 92,742 संरचनाओं के साथ पहले स्थान पर रहा। राजनांदगांव (58,967) दूसरे स्थान पर और रायपुर (36,282) तीसरे स्थान पर रहा।

दक्षिणी क्षेत्र में, तेलंगाना के जिले एक बार फिर प्रदर्शन मानकों में सबसे आगे रहे । आदिलाबाद 98,693 कार्यों के साथ सूची में शीर्ष पर रहा, उसके बाद नलगोंडा (84,827) और मंचेरियल (84,549) का स्थान रहा।

मध्यप्रदेश का पूर्वी निमाड़ 1.29 लाख पूर्ण संरचनाओं के साथ पश्चिमी क्षेत्र में पहले स्थान पर रहा, जबकि त्रिपुरा का उत्तरी त्रिपुरा पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में अग्रणी रहा।

भाषा राजकुमार दिलीप

दिलीप


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