न्यायालय ने एमसीडी सदस्यों को मनोनीत करने के लिए उपराज्यपाल की शक्ति के स्रोत के बारे में पूछा

न्यायालय ने एमसीडी सदस्यों को मनोनीत करने के लिए उपराज्यपाल की शक्ति के स्रोत के बारे में पूछा

न्यायालय ने एमसीडी सदस्यों को मनोनीत करने के लिए उपराज्यपाल की शक्ति के स्रोत के बारे में पूछा
Modified Date: May 16, 2023 / 08:35 pm IST
Published Date: May 16, 2023 8:35 pm IST

नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचित सरकार की सहायता और सलाह के बिना दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में 10 ‘एल्डरमैन’ को नामित करने के लिए संविधान और कानून के तहत उपराज्यपाल की ‘शक्ति के स्रोत’ के बारे में पूछा।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने एमसीडी में उपराज्यपाल द्वारा सदस्यों के मनोनयन को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन से उपराज्यपाल के शक्ति के स्रोत के बारे में सवाल किया।

पीठ ने पूछा, ‘‘मनोनीत करने के लिए आपके पास शक्ति का स्रोत क्या है? हमें उपराज्यपाल की शक्ति का स्रोत दिखाएं। क्या संविधान एल्डरमैन नियुक्त करने के लिए उपराज्यपाल की शक्ति को मान्यता देता है?’’

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विधि अधिकारी ने उपराज्यपाल के कार्यालय द्वारा दायर जवाब और संवैधानिक व्यवस्था का उल्लेख किया और कहा कि एमसीडी में सदस्यों को नामित करने के लिए प्रशासक की शक्ति के संदर्भ में ‘‘सहायता और सलाह’’ की अवधारणा उस अवधारणा से अलग है जिसे यहां दिल्ली सरकार द्वारा बताया गया है।

जैन ने कहा कि एमसीडी में सदस्यों को मनोनीत करने से संबंधित फाइल सीधे उपराज्यपाल के कार्यालय में आई, क्योंकि वह प्रशासक हैं और इस मामले में सहायता और सलाह की अवधारणा लागू नहीं होती है। यह बताए जाने पर कि उपराज्यपाल के कार्यालय ने याचिका पर अपना नया जवाब दाखिल कर दिया है, पीठ ने कहा कि वह जवाब पर विचार करने के बाद बुधवार को याचिका पर सुनवाई करेगी।

दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने सेवाओं पर नियंत्रण के संबंध में 2018 और हाल में संविधान पीठ के फैसलों का हवाला दिया और कहा कि उपराज्यपाल को सरकार की सहायता और सलाह के अनुसार कार्य करना है और उन्हें अब तक नामांकन वापस ले लेना चाहिए था।

उन्होंने कहा, ‘‘12 जोन हैं, 12 वार्ड समितियां हैं और एल्डरमैन किसी भी समिति में नियुक्त किए जा सकते हैं…पिछले 30 वर्षों में पहली बार, उपराज्यपाल ने एमसीडी में सीधे सदस्यों को नियुक्त किया है और पहले यह हमेशा (सरकार की) सहायता और सलाह पर आधारित था।’’

इससे पहले 12 मई को, शीर्ष अदालत ने कहा कि उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार की मंत्रिपरिषद की ‘‘सहायता और सलाह’’ पर एमसीडी में 10 ‘एल्डरमैन’ को नामित करने पर काम करना है।

पिछले बृहस्पतिवार को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला दिया कि लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों को छोड़कर अन्य सेवाओं पर दिल्ली सरकार के पास विधायी तथा प्रशासकीय नियंत्रण है।

भाषा आशीष सुरेश

सुरेश


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