Bharatpur former Maharaja Vishvendra Singh

Purv Maharaja Ki Arji : प्रताड़नाएं झेल रहे यहां के पूर्व महाराज, पत्नी-पुत्र पर लगाया मारपीट का आरोप, कहा- ‘भरपेट खाना भी नहीं हो रहा नसीब’

Bharatpur former Maharaja Vishvendra Singh: उन्होंने दोनों के खिलाफ याचिका दायर करते हुए ₹5 लाख प्रतिमाह भरण पोषण लेने की मांग की है।

Edited By :   Modified Date:  May 19, 2024 / 03:11 PM IST, Published Date : May 19, 2024/3:10 pm IST

Bharatpur former Maharaja Vishvendra Singh : भरतपुर। राजस्थान के पूर्व भरतपुर महाराजा और पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने अपनी पत्नी दिव्या सिंह और पुत्र अनिरुद्ध सिंह पर मारपीट के आरोप लगाए है। उन्होंने दोनों के खिलाफ याचिका दायर करते हुए ₹5 लाख प्रतिमाह भरण पोषण लेने की मांग की है। पूर्व महाराजा ने कहा कि उनकी पत्नी व बेटे मारपीट करते हैं, उन्हें भरपेट खाना भी नहीं मिलता, जिससे तंग आकर घर छोड़ दिया। इस स्थिति का हवाला देकर प्रार्थना पत्र में पत्नी व बेटे से पांच लाख रुपए प्रतिमाह भरण-पोषण खर्च दिलाने और मोती महल, कोठी दरबार निवास आदि को खाली कराने की गुहार की है।

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Bharatpur former Maharaja Vishvendra Singh : विश्वेन्द्र सिंह ने बताया कि हमारा तीनों का दिल्ली की बैंक में एक जॉइंट बैंक अकाउंट था लेकिन पत्नी और पुत्र ने मेरे फर्जी हस्ताक्षर करके बैंक लॉकर से कीमती सामान निकाल लिया है। विश्वेंद्र सिंह ने आरोप लगाया है कि पूर्वजों की ऐतिहासिक सभी प्रकार की संपत्ति पर पत्नी और पुत्र ने कब्जा कर रखा है और उसको बेच रहे हैं। उधर, अनिरुद्ध सिंह ने सभी आरोपों को झूठे बताते हुए कहा कि उनके पास फाइनेंशियल फ्रॉड और संपत्ति को गलत तरीके से बेचने के साक्ष्य है, जिनको आवश्यकता पड़ने पर एसडीएम कोर्ट में पेश किया जाएगा।

क्या है पूरा माजरा?

पूर्व मंत्री का कहना है कि मोती महल, कोठी दरबार निवास, सूरज महल, गोलबाग परिसर स्थित सभी भवन, मंदिर, देवालय आदि का कब्जा दिलाया जाए। सभी पैलेसियल आइटम फर्नीचर, भवनों में स्थित साज सज्जा का सामान, यूटेन्सियल्स, कालीन, ट्रॉफी सहित अन्य सामान दिलाया जाए। कोठी इजलास खास के संबंध में 27 अक्टूबर 2020 को दिया गया दान पत्र व उसके द्वारा किया गया अंतरण अवैधानिक शून्य व अप्रभावी घोषित किया जाए। दो बंदूक भी पत्नी व बेटे के कब्जे से दिलाई जाएं। प्रार्थना पत्र में अंतरिम तौर पर इजलास खास व किसी चल, अचल संपत्ति को किसी अन्य व्यक्ति को अंतरित नहीं करने की मांग की गई है। साथ ही, पत्नी व बेटे को सोशल मीडिया व मोबाइल पर मैसेज कर उनके सम्मान को क्षति नहीं पहुंचाने के लिए पाबंद करने का आग्रह भी किया है।

करीब चार साल से विवाद

उल्लेखनीय है कि भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के बीच करीब चार साल से विवाद चल रहा है। इसके कारण पूर्व राजपरिवार के सदस्य एवं पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह मोती महल के बजाय अन्य निजी आवास पर रह रहे हैं। बीच में विश्वेंद्र सिंह के पुत्र के ट्वीट भी विवाद में रहे।पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने परिवाद में लिखा है कि प्रार्थी वरिष्ठ नागरिक है और हृदय रोग से पीडि़त है। दो स्टंट डले होने के कारण टेंशन सहन नहीं कर सकता और वे वर्ष 2021 एवं 2022 में दो बार कोरोना से ग्रसित रहे, लेकिन पत्नी एवं बेटे ने कोई सहायता नहीं की और न ही कोई उन्हें देखने आया। यहां तक कि दूरभाष पर भी बात नहीं की। उन्होंने अपने पिता से वसीयत के जरिए प्राप्त संपत्तियों पर एकमात्र अपना स्वामित्व बताया। वहीं आरोप लगाया कि पत्नी व बेटे कुछ वर्षों से उनके खिलाफ बगावत जैसा बर्ताव कर रहे हैं। उनके पहनने के कपड़े फाडकऱ कुएं में फेंक दिए और जला दिए। कागजात-रिकॉर्ड आदि फाड़ दिए और गाली-गलौच कर कमरों से सामान बाहर फेंंक दिया। यहां तक कि चाय-पानी बंद करा दिया और खाना भी आधा-अधूरा ही दिया।

 

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