नेतृत्व मुद्दे का समाधान स्थानीय स्तर पर किया जाना चाहिए: परमेश्वर

नेतृत्व मुद्दे का समाधान स्थानीय स्तर पर किया जाना चाहिए: परमेश्वर

नेतृत्व मुद्दे का समाधान स्थानीय स्तर पर किया जाना चाहिए: परमेश्वर
Modified Date: December 22, 2025 / 05:01 pm IST
Published Date: December 22, 2025 5:01 pm IST

बेंगलुरु, 22 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने सोमवार को कहा कि राज्य में नेतृत्व के मुद्दे पर पार्टी के भीतर किसी भी तरह के मतभेद या भ्रम को स्थानीय स्तर पर दूर किया जाना चाहिए क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष से निर्देश आ चुके हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता परमेश्वर ने मल्लिकार्जुन खरगे से यहां स्थित उनके आवास पर मुलाकात की, जिसे उन्होंने निजी मुलाकात बताया और कहा कि इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।

परमेश्वर ने खरगे से मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं कांग्रेस अध्यक्ष से मिला, लेकिन हमारा रिश्ता अलग है। हमारा पारिवारिक रिश्ता है। इसलिए मैंने पारिवारिक मामलों पर चर्चा की, राजनीति पर नहीं। मैंने उनसे राजनीति का एक शब्द भी नहीं बोला।’’

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उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि खरगे ने राज्य के नेताओं से स्थानीय स्तर पर मतभेदों को सुलझाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा, ‘‘यही संदेश (कांग्रेस प्रमुख की ओर से) है। मैं इस पर क्या टिप्पणी कर सकता हूं?’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को यह बात जाननी चाहिए, हमें खुद ही इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए। अगर कांग्रेस अध्यक्ष कहते हैं कि आप (राज्य के नेता) खुद ही इस मुद्दे को सुलझा लें और आलाकमान का इससे कोई लेना-देना नहीं है, तो हम सभी को एकसाथ बैठकर इस पर विचार करना होगा।’’

परमेश्वर का यह बयान ऐसे समय आया है जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को कहा था पार्टी की कर्नाटक इकाई में नेतृत्व के मुद्दे को लेकर भ्रम केवल स्थानीय स्तर पर है, पार्टी आलाकमान के भीतर नहीं।

उन्होंने यह भी कहा था कि स्थानीय नेताओं को आंतरिक विवादों का दोष आलाकमान पर डालने के बजाय उसकी जिम्मेदारी स्वयं लेनी चाहिए।

कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल के ढाई वर्ष पूरे होने के बाद, राज्य में मुख्यमंत्री परिवर्तन की अटकलों के बीच सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर सत्ता को लेकर कथित खींचतान तेज हो गई।

इससे पहले दिन में, परमेश्वर ने पत्रकारों से कहा कि चूंकि कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से स्थानीय स्तर पर सुलझाने के निर्देश आए हैं, इसलिए इसका पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि उन्होंने इसे किस अर्थ में कहा है और भविष्य में क्या निर्देश आ सकते हैं। लेकिन हमें उनके निर्देशों का पालन करना होगा।’’

राज्य के गृहमंत्री ने कहा कि शिवकुमार, जो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं, और सिद्धरमैया संभवतः 27 दिसंबर को दिल्ली जाकर कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में शामिल होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘इस दौरे के दौरान वे आलाकमान से भी मिल सकते हैं।’’

परमेश्वर से जब उनके पूर्व के बयान के बारे में पूछा गया जिसमें उन्होंने कहा था कि आलाकमान को मुद्दे का जल्द समाधान करना चाहिए, तो उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य है कि कोई दिक्कत या भ्रम ना हो, क्योंकि इसका प्रशासन पर प्रभाव पड़ सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें मुद्दों का समाधान करना चाहिए और जनता से किए गए वादों पर ध्यान देना चाहिए। आंतरिक मतभेद महत्वपूर्ण नहीं होने चाहिए, शासन महत्वपूर्ण है। हमें चीजों को सुधारना चाहिए और जनता को अच्छा शासन देना चाहिए।

यदि दिक्कतें बनी रहती हैं, तो इसका प्रशासन पर असर पड़ सकता है, क्योंकि इससे अधिकारियों में भ्रम पैदा हो सकता है। ऐसा पहले भी हुआ है। इसलिए मैं चाहता हूं कि मुद्दों का समाधान हो और सभी को सही संदेश जाए।’’

तुमकुर के कुछ संतों द्वारा उनका नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सुझाए जाने पर परमेश्वर ने कहा कि यह उनका मत और भावना है और उन्होंने इसे व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं नहीं कहूंगा कि यह गलत है।’’

दलित मुख्यमंत्री की मांग के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘आप (मीडिया) कह रहे हैं कि ऐसी मांग हर जगह है।’’

परमेश्वर दलित समुदाय से आने वाले एक वरिष्ठ नेता हैं। राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की स्थिति में यदि समुदाय के किसी नेता पर मुख्यमंत्री पद के लिए विचार किया जाता है, तो परमेश्वर मुख्यमंत्री पद के लिए प्रधान दावेदार माने जाते हैं।

भाषा अमित मनीषा

मनीषा


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