8th pay commission: इन कर्मचारियों पर भी लागू होंगी 8वें वेतन आयोग की ​सिफारिशें! जानें क्या है नया अपडेट

8th Pay Commission update: सांसद अंबिका जी लक्ष्मीनारायण वाल्मीकि ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर 2.75 लाख ग्रामीण डाक सेवकों को 8वें वेतन आयोग के दायरे में शामिल करने की मांग रखी है।

8th pay commission: इन कर्मचारियों पर भी लागू होंगी 8वें वेतन आयोग की ​सिफारिशें! जानें क्या है नया अपडेट

8th Central Pay Commission || Image- IBC24 FILE

Modified Date: November 13, 2025 / 04:33 pm IST
Published Date: November 13, 2025 4:31 pm IST
HIGHLIGHTS
  • GDS को मिलेगा समान वेतन का लाभ
  • केंद्रीय सरकारी कर्मचारी नहीं माने जाते GDS
  • 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों में क्या?

8th Pay Commission: देश में 8वें वेतन आयोग ने अपना काम शुरू किया है। देशभर के कर्मचारी इसे लेकर काफी खुश हैं कि जल्द ही उन्हे 8वें वेतनमान का लाभ मिलेगा और उनकी सैलरी में बंपर इजाफा होगा। इसी बीच ग्रामीण डाक सेवकों (Gramin Dak Sevaks – GDS) के लिए उम्मीदें भी बढ़ने लगी हैं। क्योंकि सांसद अंबिका जी लक्ष्मीनारायण वाल्मीकि ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर 2.75 लाख ग्रामीण डाक सेवकों को 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के दायरे में शामिल करने की मांग रखी है।

सांसद वाल्मीकि ने पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र में मांग की है कि, ‘लगभग 2.75 लाख ग्रामीण डाक सेवक डाक विभाग में कार्यरत हैं और ग्रामीण इलाकों में आवश्यक डाक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, जिनका महत्व शहरी क्षेत्रों में दी जाने वाली सेवाओं के समान है।’

उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक है कि ग्रामीण डाक सेवकों के वेतन ढांचे और सेवा शर्तों की समीक्षा के लिए बार-बार अलग-अलग विभागीय समितियां गठित की जाती हैं, जिनकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त नौकरशाह करते हैं। इस कारण से ग्रामीण डाक सेवक उन मुख्य लाभों से वंचित रह जाते हैं, जो नियमित केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को वेतन आयोगों की अनुशंसाओं के तहत मिलते हैं।

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केंद्रीय सरकारी कर्मचारी नहीं माने जाते GDS

8th Pay Commission update, वर्तमान में केवल केंद्रीय सरकारी कर्मचारी ही वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत मिलने वाले वेतन और भत्तों का लाभ पाते हैं, लेकिन GDS को केंद्रीय सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त नहीं है, इसलिए उन्हें 7वें या 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ नहीं मिलता।

सांसद वाल्मीकि ने आग्रह किया कि ग्रामीण डाक सेवकों को 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के दायरे में शामिल किया जाए, ताकि उन्हें अन्य डाक विभाग के कर्मचारियों के समान वेतन संशोधन और सेवा लाभ मिल सकें। उन्होंने आगे लिखा, ‘ऐसा करने से न केवल इस बड़े समूह के मेहनती डाक कर्मियों को न्याय मिलेगा, बल्कि डाक विभाग के ग्रामीण नेटवर्क की कार्यक्षमता और मनोबल में भी वृद्धि होगी।’

7वें वेतन आयोग की सिफारिशों में क्या?

7वें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कहा था कि ग्रामीण डाक सेवक (GDS) को केंद्रीय सरकारी कर्मचारी के रूप में मान्यता नहीं दी गई है। इसलिए आयोग ने यह भी अनुशंसा की थी कि डाक विभाग को GDS के वेतन और भत्तों का बजट ‘सैलरी’ शीर्षक से अलग रखा जाए, क्योंकि ‘सैलरीज’ शीर्षक केवल नियमित केंद्रीय कर्मचारियों के लिए प्रयोग किया जाना चाहिए।

7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट में कहा गया था कि डाक विभाग के व्यय वर्गीकरण की जांच से पता चलता है कि नियमित केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और ग्रामीण डाक सेवकों दोनों का वेतन और भत्ता ‘सैलरीज’ शीर्षक के अंतर्गत शामिल है। चूंकि ग्रामीण डाक सेवकों को केंद्रीय सरकारी कर्मचारी नहीं माना जाता, इसलिए उनके वेतन और भत्तों का लेखा जोखा अलग शीर्षक के तहत होना चाहिए।

क्या GDS को 8वें वेतन आयोग में शामिल किया जाएगा?

8th Pay Commission update अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग के दायरे में GDS को शामिल करती है या नहीं। सांसद की यह मांग डाक विभाग के लाखों ग्रामीण कर्मचारियों की पुरानी अपेक्षा को दोहराती है कि उन्हें भी नियमित सरकारी कर्मचारियों के समान सुविधाएं, वेतन संशोधन और सेवा लाभ मिलें।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com