यहां लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं हजारों कपल्स, ज्यादातर जोड़ियों की हैं बच्चे, जानिए क्या है वजह…

यहां लिव इन रिलेशनशिप में रहते है हजारों कपल्स, ज्यादातर जोड़ियों की है संतानेंः Thousands of couples live together without any restrictions in Jharkhand

यहां लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं हजारों कपल्स, ज्यादातर जोड़ियों की हैं बच्चे, जानिए क्या है वजह…
Modified Date: November 29, 2022 / 08:38 pm IST
Published Date: February 13, 2022 5:51 pm IST

नई दिल्ली: Thousands couples live together  शादी के बिना लड़के-लड़कियों का एक साथ यानी लिव इन रिलेशनशिप में रहना गलत माना जाता है। भारत में कई बार ऐसे लोगों को सामाजिक बहिष्कार समेत कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे है, जहां बिना किसी विरोध के कपल्स बिना शादी किए लिव इन में रहते हैं। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि ये जगह विदेश में नहीं, बल्कि भारत में ही है।

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Thousands couples live together दरअसल, भारत के झारखंड में हजारों जोड़ियां लिव इन रिलेशनशिप में रहती हैं। यहां के आदिवासी इलाके में ढुकु प्रचलित है। जब कोई महिला बिना शादी किए ही किसी पुरुष के घर में घुस जाती है यानी रहने लगती हैं तो उसे ढुकनी के नाम से जाना जाता है और ऐसे जोड़ों को ढुकु कहा जाता है। ऐसी महिलाओं को आदिवासी समाज सिंदूर लगाने की भी अनुमति नहीं देता। लेकिन बिना शादी के एक साथ रहने की इजाजत देता है।

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यहां के आदिवासी समाज में यह अनिवार्य परपंरा है कि शादी के उपलक्ष्य में पूरे गांव के लिए भोज का इंतजाम करता है। भोज के लिए मीट-चावल के साथ पेय पदार्थ हड़िया का भी इंतजाम करना पड़ता है। कई लोग गरीबी की वजह से इस प्रकार की व्यवस्था नहीं कर पाते और इस वजह से वे बिना शादी किए साथ में रहने लगते हैं। ऐसी ज्यादातर जोड़ियों की कई संतानें भी हैं, मगर समाज की मान्य प्रथाओं के अनुसार शादी न होने की वजह से इन संतानों को जमीन-जायदाद पर अधिकार नहीं मिल पाता। ऐसे बच्चों को पिता का नाम भी नहीं मिल पाता।

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वहीं इनके शादी के लिए स्वयंसेवी संस्थाएं आगे आ रही है। स्वयंसेवी संस्था निमित्त के पहल से जोड़ियां सामाजिक और कानूनी तौर पर शादी के बंधन में बंधेंगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खूंटी के बाद इस जिले के मुरहू और कर्रा ब्लॉक में भी जगह-जगह पर सामूहिक विवाह के कार्यक्रम तय किए गए हैं। इसी कड़ी में इस साल फरवरी-मार्च में झारखंड के खूंटी और गुमला जिले में 1320 जोड़ियों का सामूहिक विवाह कराया जाना है।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।