आदिवासियों संबंधी अध्ययन उनकी प्रगति पर केंद्रित होने चाहिए: अर्जुन मुंडा

आदिवासियों संबंधी अध्ययन उनकी प्रगति पर केंद्रित होने चाहिए: अर्जुन मुंडा

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  • Publish Date - September 3, 2020 / 02:02 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:08 PM IST

नयी दिल्ली, तीन सितम्बर (भाषा) केंद्रीय आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने बृहस्पतिवार को कहा कि आदिवासियों के बारे में अध्ययन को न केवल उनके जीवन एवं संस्कृति के मानविकीय पहलू पर बल्कि उनके द्वारा की गई प्रगति पर भी केंद्रित होना चाहिए।

मुंडा ने यहां ‘राष्ट्रीय आदिवासी अनुसंधान सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए ‘‘आदिवासियों की प्रगति के लिए रास्ते के निर्माण के लिए’’ प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर दिया।

मुंडा ने कहा कि आदिवासी विकास के लिए नीति और वास्तविक क्रियान्वयन के बीच अंतर की पहचान में मदद के लिए ‘नीति के लिए अनुसंधान’ मार्गदर्शक सिद्धांत होना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘आदिवासियों के बारे में अध्ययन का जोर न केवल उनके जीवन एवं संस्कृति के मानविकीय पहलू पर बल्कि उनके द्वारा की गई प्रगति पर भी होना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि आदिवासी मामलों का मंत्रालय ‘‘आदिवासी अनुसंधान संस्थानों को अनुदान’’ के तहत 26 आदिवासी अनुसंधान संस्थानों का अनुसंधान के लिए वित्तपोषण कर रहा है तथा प्रतिष्ठित सरकारी एवं गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान में लगा हुआ है।

मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी अनुसंधान संस्थान की स्थापना भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के साथ साझेदारी से दिल्ली स्थित उसके परिसर में की जा रही है।

मुंडा ने सुझाव दिया कि संस्थान में छात्रों को आदिवासी विकास को लेकर शिक्षित करने के लिए भी एक इकाई होनी चाहिए।

भाषा. अमित माधव

माधव