तृणमूल कांग्रेस ने महिलाओं के खिलाफ अपराध पर सही आंकड़े नहीं दिये: भाजपा सांसद
तृणमूल कांग्रेस ने महिलाओं के खिलाफ अपराध पर सही आंकड़े नहीं दिये: भाजपा सांसद
कोलकाता, आठ मार्च (भाषा) भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर उनकी पार्टी के ‘बंगाल को उसकी अपनी बेटी चाहिए’ अभियान को लेकर सोमवार को निशाना साधा और कहा कि अपराध के आंकड़ों में हेरफेर करने वाली सत्तारूढ़ पार्टी को ‘‘अचानक बेटी के विषय का ध्यान आया है।’’
चटर्जी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यदि रिकॉर्ड देखा जाए तो बलात्कार, छेड़खानी और तेजाब हमले की घटनाओं में ‘‘पिछले 10 वर्षों में थोड़ी भी कमी नहीं आयी है।’’
चटर्जी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर एनसीआरबी को अपेक्षित आंकड़े उपलब्ध नहीं कराये। उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि एजेंसी बंगाल पर एक व्यापक रिपोर्ट प्रकाशित नहीं कर सकी।’’
भाजपा की वरिष्ठ नेता ने दावा किया, ‘‘उत्तर बंगाल में तस्करी के मामलों से लेकर राज्य में कई हत्याओं तक, कुछ ही घटनाओं के बारे में जानकारी दी गई।’’
‘‘भाजपा शासित राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश में महिलाओं की दुर्दशा’ के तृणमूल कांग्रेस द्वारा बार-बार लगाये जाने वाले आरोप के बारे में पूछे जाने पर लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘माननीय मुख्यमंत्री को पहले यह बताना चाहिए कि कामदुनी में लड़की से गैंगरेप और हत्या के पीछे जो लोग थे, उन्हें अभी तक सजा क्यों नहीं दी गई?’’
साल 2013 में कोलकाता से लगभग 20 किलोमीटर दूर उत्तर 24 परगना जिले के कामदुनी गांव में 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा का अपहरण करने के बाद उससे सामूहिक बलात्कार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी।
ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी पर बनर्जी के विरोध प्रदर्शन पर चटर्जी ने कहा, ‘‘अगर वह इतना चिंतित हैं, तो उन्हें अपनी सरकार द्वारा पेट्रोल के प्रत्येक लीटर पर लगाए जाने वाले 37 रुपये के उपकर को माफ कर देना चाहिए। प्रतीकात्मक रूप से सिर्फ एक रुपया क्यों कम किया गया? केंद्र लोगों के कष्टों से अवगत है और उनकी बेहतर सेवा करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहा है।’’
कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र में मोदी की तस्वीर को शामिल किए जाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री की आलोचना किये जाने पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह दुखद है कि दीदी (ममता बनर्जी) ने टीकाकरण अभियान का राजनीतिकरण करने से परहेज नहीं किया। वह हमेशा लोगों के हितों पर राजनीति को प्राथमिकता देती हैं।’’
भाषा अमित दिलीप
दिलीप

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