औषधीय पौधों के संरक्षण के लिए तिरुमला में जड़ी-बूटी उद्यान विकसित करेगा टीटीडी

औषधीय पौधों के संरक्षण के लिए तिरुमला में जड़ी-बूटी उद्यान विकसित करेगा टीटीडी

औषधीय पौधों के संरक्षण के लिए तिरुमला में जड़ी-बूटी उद्यान विकसित करेगा टीटीडी
Modified Date: December 22, 2025 / 01:01 pm IST
Published Date: December 22, 2025 1:01 pm IST

तिरुपति, 22 दिसंबर (भाषा) तिरुमला तिरुपति देवस्थानम् (टीटीडी) तिरुमला में एक दिव्य औषधीय उद्यान विकसित करेगा जिसका उद्देश्य शेषाचलम वन क्षेत्र के दुर्लभ और लुप्तप्राय औषधीय पौधों की प्रजातियों का संरक्षण करना होगा। मंदिर निकाय ने यह जानकारी दी।

तिरुमला भगवान वेंकटेश्वर का धाम है जो शेषाचलम पहाड़ियों की चोटी पर स्थित है। प्रस्तावित दिव्य औषधीय उद्यान की परिकल्पना भारत की पारंपरिक औषधीय विरासत के एक जीवंत भंडार के रूप में की गई है। यह इन पौधों का संरक्षण करने के साथ-साथ आम लोगों को इस बारे में जागरूक भी करेगा।

मंदिर निकाय की ओर से रविवार देर रात जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘टीटीडी ने शेषाचलम वनों में पाई जाने वाले दुर्लभ और लुप्तप्राय औषधीय पौधों की प्रजातियों के संरक्षण के लिए एक महत्वाकांक्षी पहल की है।’’

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विज्ञप्ति के अनुसार, यह दिव्य औषधीय उद्यान तिरुमला में जीएनसी टोल गेट के पास निचले और ऊपरी घाट मार्गों के बीच चार एकड़ क्षेत्र में विकसित किया जाएगा और इसे लगभग 4.25 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाया जाएगा।

इसमें कहा गया है कि श्रद्धालुओं को शांत आध्यात्मिक वातावरण प्रदान करने के साथ-साथ यह उद्यान विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अध्ययन स्थल के रूप में भी काम करेगा।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस उद्यान को 2026 के अंत तक आम जनता के लिए खोले जाने की उम्मीद है और इससे शेषाचलम वन पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने में भी मदद मिलेगी।

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा


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