पंजाब विधानसभा के दो-दिवसीय सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना |

पंजाब विधानसभा के दो-दिवसीय सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना

पंजाब विधानसभा के दो-दिवसीय सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना

:   Modified Date:  October 19, 2023 / 08:34 PM IST, Published Date : October 19, 2023/8:34 pm IST

चंडीगढ़, 19 अक्टूबर (भाषा) पंजाब विधानसभा के शुक्रवार से शुरू हो रहे दो-दिवसीय सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है, क्योंकि विपक्षी दल सतलुज- यमुना संपर्क (एसवाईएल) नहर, राज्य के ऋण और कानून-व्यवस्था सहित कई मुद्दों पर आप सरकार को घेर सकते हैं।

शुक्रवार से शुरू होने वाला सत्र एसवाईएल मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय द्वारा चार अक्टूबर को जारी दिशानिर्देश के बाद उत्पन्न राजनीतिक विवाद के बीच आहूत किया गया है। न्यायालय ने केंद्र को पंजाब में भूमि के उस हिस्से का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था, जिसे नहर निर्माण के लिए राज्य के हिस्से के तौर पर आवंटित किया गया था।

राज्यपाल ने विधानसभा के प्रस्तावित सत्र को ‘अवैध’ बताया है और कहा है कि इस सत्र में किया गया कोई भी विधायी कार्य ‘गैर-कानूनी’ होगा, लेकिन राजभवन की इन आपत्तियों के बावजूद आम आदमी पार्टी (आप) सरकार सत्र आयोजित करने को तैयार है।

कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जोर देकर कहा था कि सत्र ‘पूरी तरह से वैध’ है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि कई ‘जन-समर्थक’ विधेयक सदन में पेश किये जाएंगे।

इस साल यह दूसरी बार है जब विधानसभा की बैठक बुलाने को लेकर आप सरकार और राजभवन के बीच विवाद खड़ा हो गया है।

राजभवन ने पहले 19-20 जून की विशेष बैठक को ‘पूरी तरह से अवैध’ बताया था।

सत्र में एसवाईएल नहर पर चर्चा होने की उम्मीद है। यह एक ऐसी परियोजना है, जिसे पंजाब पूरा करने का इच्छुक नहीं है। राज्य सरकार इस मुद्दे का समाधान ला सकती है।

इसके अलावा, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित दो संशोधन विधेयक भी सत्र में पेश किये जाने वाले हैं।

शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने बृहस्पतिवार को कहा कि अन्य मुद्दों के अलावा, एसवाईएल मामला सदन में उठाया जाएगा, क्योंकि राज्य सरकार नदी जल मामले में पंजाब के अधिकारों की रक्षा करने में ‘विफल’ रही है।

उन्होंने एसवाईएल मुद्दे पर पंजाब से आप के राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक को भी आड़े हाथों लिया।

पाठक ने हाल ही में हरियाणा के करनाल में दिए एक बयान में कहा था कि पंजाब और हरियाणा को नहर के पानी का उनका उचित हिस्सा मिलना चाहिए।

उन्होंने पंजाब में राजनीतिक दलों द्वारा हरियाणा को पानी देने का विरोध करने के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है। पंजाब और हरियाणा दोनों को अपने-अपने हिस्से का पानी मिलना चाहिए। इस पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।’’

चीमा ने पंजाब के मुख्यमंत्री से यह भी स्पष्ट करने को कहा कि क्या वह पाठक के बयान का समर्थन करते हैं।

शिअद नेता ने आगे कहा कि उनकी पार्टी के विधायक राज्य के बढ़ते कर्ज, अवैध रेत खनन, अनाज मंडियों से धान की फसल की धीमी उठान और मादक पदार्थों से संबंधित अन्य मुद्दे उठाएंगे।

इस बीच, कांग्रेस नेता और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मान से पिछले 18 महीनों में 37,100 सरकारी नौकरियां देने के अपने दावे के संबंध में सदन में बयान देने को कहा है।

भाषा सुरेश नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)