नई दिल्लीः UGC Issues New Guidelines यूजीसी ने कॉलेज में दाखिले और फीस वापसी के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। यूजीसी की ये गाइडलाइन छात्रों को ही नहीं अभिभवकों को भी बड़ी राहत देगी। जारी गाइडलाइन के अनुसार अब पंसद के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिल जाता है और पहले ही आप किसी और संस्थान में एडमिशन ले लिए हैं तो अपना एडमिशन वापस ले सकते हैं। साथ ही आपको फीस के पैसे भी वापस मिलेंगे। हालांकि इसके लिए आपको एक आवेदन करना होगा, जिसके लिए 31 अक्टूबर तक का समय दिया गया है। माना जा रहा है कि जल्द ही एआइसीटीई भी इस संबंध में इंजीनियरिंग कालेजों के भी निर्देश जारी करेगा।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
Read More: शेयर मार्केट में भारी उछाल, जानिए किन शेयर्स ने मारी लंबी छलांग
UGC Issues New Guidelines यूजीसी ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 में फीस वापसी को लेकर नई गाइडलाइन जारी है। साथ ही विश्वविद्यालय व उच्च शिक्षण संस्थानों से इस पर सख्ती से अमल के निर्देश दिए हैं। गाइडलाइन के तहत फीस वापसी के लिए छात्र वैसे तो 31 दिसंबर 2022 तक आवेदन कर सकेंगे। हालांकि इस दौरान उनकी फीस में एक हजार रुपए प्रोसेसिंग चार्ज काट कर लौटाई जाएगी। यूजीसी का इस दौरान सबसे ज्यादा फोकस निजी विश्वविद्यलाय और उच्च शिक्षण संस्थानों की ओर है। जो अक्सर छात्रों को जमा कराई गई फीस वापस करने में आनाकानी करते है या छात्रों को परेशान करते है।
यूजीसी का कहना है कि कोरोना संकट के चलते अभिभावक पहले से ही आर्थिक रूप से परेशान है। ऐसे में उन पर किसी तरह बोझ डालना ठीक नहीं है। खासबात यह है कि कोरोना संकटकाल में भी यूजीसी ने फीस वापसी को लेकर ऐसी ही गाइडलाइन जारी की थी। यूजीसी ने इसके साथ ही छात्रों और अभिभावकों की ओर से मिली शिकायतों के बाद सभी विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है, कि पिछले साल कोरोना काल में छात्रों से वसूली गई छात्रावास और मेस फीस को वापस किया जाए या फिर उसे अगले सत्र में समायोजित किया जाए। छात्रों की शिकायत थी कि कोरोना संकट के जब छात्रावास बंद थे और वह उनमें एक भी दिन नहीं रहें है, तो फिर फीस वापस की जाए।
गौरतलब है कि विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला पाने की आपाधापी में छात्रों को पहले जिस भी संस्थान में दाखिला मिलता है तो वह उनमें अपनी सीट आरक्षित कर लेते है। हालांकि जैसे ही उन्हें किसी दूसरे पसंद के कालेज में दाखिले का मौका मिलता है तो वह उनमें दाखिला ले लेते है। इससे उनकी फीस उन संस्थानों में फंस जाती है। जो वापस करने में दिक्कत करते है। यह समस्या निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में कुछ ज्यादा ही देखने को मिलती है।
Read More: मनोज तिवारी का कटा 41 हजार का चालान, पैसे तो दे दिये लेकिन कह दी ये बात … जानें पूरी खबर
ओडिशा में नाव दुर्घटना में लोगों की मौत के बारे…
42 mins agoखबर लोस चुनाव कर्नाटक मोदी
57 mins ago