उल्फा (वार्ता समर्थक) ने असम विधानसभा की 94 सीट मूल निवासियों के लिए आरक्षित करने की मांग की
उल्फा (वार्ता समर्थक) ने असम विधानसभा की 94 सीट मूल निवासियों के लिए आरक्षित करने की मांग की
जोरहाट/गोलाघाट (असम), 26 अक्टूबर (भाषा) यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता समर्थक धड़े ने असम विधानसभा की 94 सीट राज्य के मूल निवासियों के लिए आरक्षित करने की मांग की है। संगठन के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उल्फा (वार्ता समर्थक) गुट के माहसचिव अनूप चेतिया ने कहा कि उन्होंने शांति समझौते के मसौदे पर केंद्र को अपने सुझाव भेज दिए हैं और केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्य के मूल लोगों के लिए असम विधानसभा की 94 सीट पर आरक्षण चाहते हैं। परिसीमन प्रक्रिया के बाद यह और भी महत्वपूर्ण है।’’
निर्वाचन आयोग ने अगस्त में असम में विधानसभा सीट की संख्या 126 और लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या 14 बरकरार रखते हुए अपनी अंतिम परिसीमन रिपोर्ट प्रकाशित की थी। राज्य की राज्यसभा में सात सीट हैं। राज्य की एक संसदीय सीट और 19 विधानसभा क्षेत्रों का नाम संशोधित किया गया है।
उल्फा से संबंधित दशकों पुराने मुद्दों के बारे में बात करते हुए चेतिया ने भरोसा जताया कि वर्तमान सरकार उन्हें सौहार्दपूर्ण ढंग से हल कर लेगी।
चेतिया ने असम के लिए ‘सही राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर’ की भी मांग की और कहा कि राज्य के लिए नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को लागू करने के लिए निर्धारक वर्ष 2014 के बजाय 1951 करना चाहिए।
सीएए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश करने वाले हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करता है।
उल्फा (वार्ता समर्थक) के उपाध्यक्ष प्रदीप गोगोई ने कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर हो जाने के बाद लोगों की प्रमुख समस्याओं का समाधान जमीनी स्तर पर किया जाएगा।
काजीरंगा नेशनल पार्क के एक रिसॉर्ट में बुधवार को आयोजित विचार-विमर्श में संगठन के सार्जेंट रैंक से ऊपर के 200 से अधिक कैडर ने भाग लिया।
भाषा संतोष माधव
माधव

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