Ganesh Chaturthi Special : यहां है देश का सबसे अनोखा और रहस्यमयी मंदिर, साल में एक दिन खुलते हैं पट, तंत्र विद्या से हुआ था प्रतिष्ठित
Unique Ganesh Temple of Jodhpur: यह मंदिर साल भर बंद रहता है। गणेश चतुर्थी की शाम से इसे महज 12 घंटे के लिए दर्शन के लिए खोला जाता है।
Unique Ganesh Temple of Jodhpur
Unique Ganesh Temple of Jodhpur : जोधपुर। चतुर्थी के साथ आज से गणेश उत्सव शुरू हो गया है। देश के सभी बड़े मंदिरों में 10 दिनों तक महोत्सव का आयोजन होगा। इस खास मौके पर हम आपको राजस्थान के जोधपुर में स्थित राजस्थान के सबसे अनोखे गणेश मंदिर के दर्शन करा रहे हैं। अनोखा इसलिए, क्योंकि बाकी मंदिरों में भगवान गणेश अपनी दोनों पत्नी रिद्धि और सिद्धि के साथ दर्शन देते हैं। इस मंदिर में वह केवल पत्नी रिद्धि के साथ हैं।
Unique Ganesh Temple of Jodhpur : एक खास बात और भी है कि यह मंदिर साल भर बंद रहता है। गणेश चतुर्थी की शाम से इसे महज 12 घंटे के लिए दर्शन के लिए खोला जाता है। दावा किया जाता है कि भगवान गणेश की 52 मुद्राओं में से एक आठवीं मुद्रा के दर्शन यहीं पर होते हैं। यह मंदिर जोधपुर शहर के किला रोड स्थित सिंघाड़ियों की बारी में स्थित है।
रहस्यों के घिरी है यहां की प्रतिमा
बता दें कि ये मंदिर 50 साल पुराना है। यहां भगवान अमरनाथ महादेव मंदिर के साथ इसी परिवार में नवग्रह और रावण का मंदिर भी है। 26 साल पहले इसी मंदिर में उच्छिष्ट गणपति के नाम से प्रतिमा को स्थापित किया गया था। इस प्रतिमा को रात के समय ही स्थापित किया गया था, तभी से इस मंदिर को साल में एक बार ही खोला जाता है और वह भी शाम से लेकर अगले दिन सुबह तक। इधर, शहरवासी भी यहां दर्शन के लिए साल भर का इंतजार करते हैं। इस बार भी भक्तों को दर्शन 19 सितंबर की शाम 7 बजे से अगले दिन 20 सितंबर की सुबह 7 बजे तक ही होंगे।
तंत्र विद्या से प्रतिष्ठित किया गया मंदिर
जानकारी अनुसार इस प्रतिमा को 40 साल पहले बनाया गया था। इस प्रतिमा का निर्माण जयपुर में ब्रह्माशक्ति मूर्ति भंडार में करवाया गया था। इस प्रतिमा को स्थापित करने से पहले इसे तंत्र विद्या से प्रतिष्ठित किया जाता है इसलिए 14 साल तक इसे किसी ने हाथ नहीं लगाया। ये प्रतिमा उसी दुकान में रही, जहां इसे बनाया गया।
मंदिर के पट खोलने से पहले 4 घंटे तक होता है पूजन
इस मंदिर के पट खोलने का तरीका भी अनूठा है। दर्शन से पहले मंदिर में 4 घंटे तक पंडितों की ओर से विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस दौरान यज्ञ में 10 हजार आहूतियां दी जाती हैं। इसके बाद आह्वान कर इसे भगवान गणपति के दर्शन के लिए खोला जाता है। 12 घंटे के बाद इस मंदिर के पट को दोबारा विधि-विधान से बंद कर दिया जाता है। पंडितों ने बताया कि इसके बाद सालभर इसके पट की कुंडी तक नहीं खोली जाती है।

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