प्रयागराज में उत्तर प्रदेश के पहले बायो सीएनजी संयंत्र में परिचालन शुरू

प्रयागराज में उत्तर प्रदेश के पहले बायो सीएनजी संयंत्र में परिचालन शुरू

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  • Publish Date - July 16, 2025 / 10:21 PM IST,
    Updated On - July 16, 2025 / 10:21 PM IST

प्रयागराज (उप्र), 16 जुलाई (भाषा) प्रयागराज में नैनी क्षेत्र के अरैल स्थित उत्तर प्रदेश के पहले बायो सीएनजी संयंत्र में बुधवार को परिचालन शुरू हो गया।

पहले ही दिन नगर निगम की ओर से 18 से 20 टन गीला कचरा इस संयंत्र में पहुंचाया गया और इसका प्रसंस्करण शुरू हुआ।

आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, परियोजना प्रमुख हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया कि आने वाले कुछ हफ्तों में इस संयंत्र में प्रतिदिन 100 टन तक गीला कचरा पहुंचाया जाने लगेगा और शहर से निकलने वाला सारा गीला कचरा अब सीधे इसी संयंत्र में भेजा जाएगा।

उन्होंने बताया कि पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए संयंत्र में नगर निगम के सहयोग से 2,100 पौधे भी लगाए जाएंगे।

श्रीवास्तव ने बताया कि कचरे को पहले ट्रामिल मशीन में डाला गया जहां उसकी छंटाई की गई और लुगदी तैयार की गई। इसके बाद इस लुगदी को विभिन्न मशीनों द्वारा प्रसंस्करण के जरिए बायो-सीएनजी उत्पादन के लिए तैयार किया जाता है।

उन्होंने बताया कि इस बायो-सीएनजी संयंत्र की कुल दैनिक क्षमता 343 टन है। यह संयंत्र प्रतिदिन लगभग 21.5 टन गैस, 109 टन ठोस जैविक खाद और 100 टन तरल जैविक खाद का उत्पादन करेगा।

प्रयागराज नगर निगम के पर्यावरण अभियंता उत्तम वर्मा ने बताया कि इस संयंत्र से प्रतिवर्ष लगभग 53 लाख रुपये की आय अर्जित होगी। इस परियोजना का संचालन पीपीपी (सरकारी निजी कंपनी भागीदारी) मॉडल पर किया जा रहा है। इस संयंत्र का परिचालन एवर एनवायरो रिसोर्स मैनेजमेंट करेगी। कंपनी और नगर निगम के बीच 25 वर्षों का अनुबंध किया गया है।

हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया कि शुरुआत में संयंत्र में प्रतिदिन 30 टन गोबर डाला जाएगा, जिससे सक्रिय बैक्टीरिया उत्पन्न होंगे जो गैस बनाने की प्रक्रिया को गति देंगे। लगभग 40-45 दिन में यह प्रक्रिया स्थायी रूप से होने लगेगी जिसके बाद प्रतिदिन गोबर की आवश्यकता नहीं होगी।

भाषा राजेंद्र सिम्मी

सिम्मी