नैनीताल, 30 नवंबर (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कहा है कि राज्य में बगैर कचरा निपटान योजना वाले प्लास्टिक निर्माताओं और विक्रेताओं पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने कहा कि उत्तराखंड में प्लास्टिक उत्पाद बेचने और बनाने वाले संगठनों को न केवल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में पंजीकरण कराना होगा, बल्कि अपने प्लास्टिक कचरे के निपटान की योजना भी पेश करनी होगी।
पीठ ने कहा कि वे स्थानीय निकाय के माध्यम से अपने कचरे का निपटान कर सकते हैं, लेकिन इस पर आने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति करनी होगी। ऐसा करने में विफल रहने पर राज्य में ऐसे संगठनों द्वारा प्लास्टिक के सामान के उत्पादन, बिक्री और विपणन किए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
उच्च न्यायालय ने उस याचिका पर यह निर्देश दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि प्लास्टिक निर्माण इकाइयां प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए राज्य सरकार और केंद्र के किसी भी नियम का पालन नहीं कर रही हैं।
भाषा सुरेश मनीषा
मनीषा
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