Uttarkashi Tunnel Collapse Update : बचावकर्मियों और मजदूरों के बीच हुआ संपर्क, पाइप के द्वारा पहुंचाया जा रहा भोजन-पानी, सीएम ने रहे पल-पल की अपडेट
Uttarkashi Tunnel Collapse Update: Contact between rescue workers and laborers, food and water being delivered through pipes, CM gives moment-to-moment updates
Uttarkashi Tunnel Rescue Update
Uttarkashi Tunnel Collapse Update : उत्तरकाशी। सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग के एक हिस्से के ढहने से उसके अंदर पिछले 24 घंटे से ज्यादा समय से फंसे 40 श्रमिकों तक पहुंच बनाने के लिए बचावकर्मी रातभर मलबा हटाने के काम में जुटे रहे और आखिरकार उन्हें उनसे संपर्क स्थापित करने में सफलता मिल गयी। ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग में फंसे इन श्रमिकों तक अब भोजन-पानी पहुंचाया जा रहा है। सिलक्यारा में बनाए गए पुलिस नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, वॉकी-टॉकी के जरिए सुरंग में फंसे लोगों से संपर्क हुआ और सभी श्रमिक सुरक्षित हैं।
Uttarkashi Tunnel Collapse Update : नियंत्रण कक्ष के अनुसार, अंदर फंसे लोगों द्वारा खाने की मांग की गई है और उन्हें पाइप के जरिए भोजन के पैकेट भेजे जा रहे हैं। श्रमिक फिलहाल 60 मीटर की दूरी पर हैं। सुरंग में पानी के लिए बिछाई गई पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए कंप्रेसर की मदद से दबाव बनाकर श्रमिकों तक भोजन के पैकेट भेजे जा रहे हैं।यह पाइपलाइन राहत और बचाव अभियान में काफी मददगार साबित हो रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए मजदूरों से संपर्क स्थापित किया जा रहा है। सुरंग में फंसे मजदूरों तक संदेश भेजने के लिए पहले कागज पर संदेश लिखी पर्ची पाइपलाइन के जरिए भेजी गई थी। अब दुर्घटनास्थल पर पाइप के जरिये संदेशों का आदान-प्रदान हो रहा है।
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Uttarkashi Tunnel Collapse Update : उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र ने कहा कि निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए खुदाई करने वाली बड़ी मशीनों की मदद से पानी युक्त मलबा हटाने का कार्य निरंतर जारी है । पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, अग्निशमन, आपातकालीन 108 व सुरंग का निर्माण करा रही संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल), सीमा सड़क संगठन और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के कर्मचारी मलबा हटाने और सुरंग खोलने के काम में जुटे हुए हैं। राहत और बचाव अभियान लगातार 24 घंटे चलाया जा रहा है। रविवार रात की पाली में काम की निगरानी कर रहे जल संस्थान के प्रभारी अधिशासी अभियंता दिवाकर डंगवाल ने तड़के सुरंग से बाहर आने पर बताया कि मलबा तेजी से हटाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि फंसे मजदूरों तक संपर्क स्थापित करने और उन तक भोजन और ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की कवायद रात में कई बार की गई। उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार सुबह अचानक ढह गया था जिससे उसमें 40 श्रमिक फंस गए थे। सुरंग का ढहने वाला हिस्सा सुरंग के मुहाने से करीब 200 मीटर दूर है। सुरंग का निर्माण कर रही नवयुग इंजीनियरिंग लिमिटेड के अनुसार सुरंग में फंसे मजदूर बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हैं। हर मौसम के अनुकूल चार धाम सड़क परियोजना के तहत बन रही इस साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम तक का सफर 26 किलोमीटर कम हो जाएगा।
देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि घटना की जानकारी मिलने के बाद से वह लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं। धामी ने कहा कि ईश्वर से कामना है कि जल्द ही सभी लोग सकुशल बाहर आ जाएं। PM नरेन्द्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री को फोन करके उनसे घटना के संबंध में जानकारी ली तथा हर संभव मदद का आश्वासन दिया। धामी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लेप्चा से लौटते ही प्रधानमंत्री ने उन्हें फोन कर सुरंग में फंसे श्रमिकों की स्थिति तथा राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी को श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए जारी बचाव कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई और उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया।’’ धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस दुर्घटना से निपटने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों को राहत एवं बचाव कार्यों में सहयोग करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है।

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