ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण संबंधी 103वें संविधान संशोधन की वैधता बरकरार

ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण संबंधी 103वें संविधान संशोधन की वैधता बरकरार

ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण संबंधी 103वें संविधान संशोधन की वैधता बरकरार
Modified Date: November 29, 2022 / 07:56 pm IST
Published Date: November 7, 2022 11:39 am IST

नयी दिल्ली, सात नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने दाखिलों और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता को दो के मुकाबले तीन मतों के बहुमत से सोमवार को बरकरार रखा।

शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं करता।

सुनवाई की शुरुआत में प्रधान न्यायाधीश यू यू ललित ने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर चार विभिन्न फैसले हैं।

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न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी ने अपना निर्णय पढ़ते हुए कहा कि 103वें संविधान संशोधन को संविधान के मूल ढांचे को भंग करने वाला नहीं कहा जा सकता।

न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी ने कहा कि 103वें संविधान संशोधन को भेदभाव के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता।

न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला ने उनके विचारों से सहमति जताई और संशोधन की वैधता को बरकरार रखा।

न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट ने अपना अल्पमत का विचार व्यक्त करते हुए ईडब्ल्यूएस आरक्षण संबंधी संविधान संशोधन पर असहमति जताई और उसे रद्द कर दिया।

प्रधान न्यायाधीश ललित ने न्यायमूर्ति भट के विचार से सहमति व्यक्त की।

भाषा सिम्मी नरेश

नरेश


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