भारत-बांग्लादेश सीमा, कर्नाटक में तीन विशेष अदालतों की स्थापना सहित विभिन्न मुद्दे उठाए गए रास में
भारत-बांग्लादेश सीमा, कर्नाटक में तीन विशेष अदालतों की स्थापना सहित विभिन्न मुद्दे उठाए गए रास में
नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) राज्यसभा में बृहस्पतिवार को सदस्यों ने भारत – बांग्लादेश की सीमा, कर्नाटक में तीन विशेष अदालतों की स्थापना, हिमाचल प्रदेश में कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर वहां एक समर्पित अस्पताल बनाए जाने का मुद्दा उठाया और सरकार से इस ओर तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया।
तृणमूल कांग्रस के सुखेंदु शेखर राय ने भारत बांग्लादेश सीमा का मुद्दे उठाते हुए कहा कि इस सीमा की कुल लंबाई 4096.7 किलोमीटर है इसमें से 865 किमी हिस्से में बाड़ लगाई जानी है और 174 किलोमीटर हिस्सा बाड़ लगाने के लिए व्यवहार्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल और कुछ अन्य राज्यों की 2273 किलोमीटर की सीमा बांग्लादेश से लगती है। उन्होंने कहा कि जिस हिस्से में बाड़ नहीं है वहां बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड अवांछित स्थिति पैदा करते हैं और स्थानीय लोगों को परेशान करते हैं।
राय ने कहा कि हाल ही में कूच बिहार जिले में सीमा के दूसरी ओर से वहां के सुरक्षा बल के लोग इस ओर आए और स्थानीय लोगों का सामान तथा उनका अनाज लूट कर ले गए।
उन्होंने कहा कि यह इस तरह की पहली घटना नहीं है और स्थिति चिंताजनक है।
राय ने सरकार से यह सुनिश्चित करें कि वहां इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियां न हों।
उन्होंने यह भी कहा कि वहां पर सुंदरबन डेल्टा है जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा हित से जुड़ा है। उन्होंने वहां सरकार से और अधिक सतर्कता बरतने का अनुरोध किया।
बीआरएस के रविचंद्र वद्दीराजू ने मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए ट्रेनों के किरायों में वह रियायत पुन: बहाल करने की मांग की जो कोविड काल से पहले उन्हें मिलती थी। उन्होंने कहा कि कोविड काल में पत्रकारों को ट्रेनों में किफायती टिकट की सुविधा मिलना बंद हो गई।
उन्होंने कहा कि अब स्थिति सामान्य है लेकिन यह सुविधा बहाल नहीं हुई जबकि कई पत्रकार गरीब पृष्ठभूमि से आते हैं।
वद्दीराजू ने मांग की कि मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए ट्रेनों के किरायों में रियायत पुन: बहाल की जाए।
भाजपा सदस्य इरण्ण कराडी ने कर्नाटक में कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अप्रैल 2023 में ‘राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण कानून’ के तहत राज्य सरकार को मैसूर, कलबुर्गी और बेलगावी में छह महीने के भीतर तीन विशेष अदालतें स्थापित करने का आदेश दिया था ताकि आतंकवाद और संगठित अपराध से संबंधित मामलों कीसमय पर सुनवाई हो।
उन्होंने कहा कि बेंगलुरू स्थित विशेष अदालत में ही ऐसे मामलों की सुनवाई होती है और आठ से नौ साल पुराने मामले लंबित हैं।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार ने आज तक इन अदालतों की स्थापना नहीं की है जबकि राज्य में अपराध बढ़ रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
भाजपा के डॉ सिकंदर कुमार ने हिमाचल प्रदेश में कैंसर रोगियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं वाला एक समर्पित अस्पताल बनाए जाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और यह चिंताजनक इसलिए है क्योंकि हिमाचल प्रदेश में इसके इलाज के लिए कोई अच्छा अस्पताल नहीं है।
उन्होंने कहा कि पहले यह रोग चुनिंदा लोगों को ही होता था लेकिन आज तो बच्चे बूढ़े जवान, कोई भी इससे नहीं बच पा रहे। ‘‘विडंबना यह है कि कैंसर का पता भी तब चलता है जब बीमारी को ठीक करना असंभव होता है।’’
उन्होंने हिमाचल प्रदेश में कैंसर के इलाज के लिए एक समर्पित अस्पताल बनाए जाने की मांग की
इसी पार्टी के रामचंद्र जांगड़ा ने स्वामी कल्याण देव को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग की।
भाजपा के नाम निर्देशित सतनाम सिंह संधु ने पंजाब की कुछ जनजातियों को अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इन जनजातियों की संख्या 40 से अधिक है और सरकार कम से कम इनमे से सात को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दें ताकि इन्हें इस वर्ग को मिलने वाले लाभ मिल सकें।
शून्यकाल में ही भाजपा के शंभु शरण पटेल, महाराजा संजाओबा लेंशबा, डॉ के लक्ष्मण और प्रकाश चिक बराइक तथा आईयूएमएल के हारिस बीरन ने भी लोक महत्व से जुड़े अपने अपने मुद्दे उठाए।
भाषा
मनीषा माधव
माधव

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