संविधान निर्माताओं के सपनों को साकार करने की दिशा में काम करूंगी : विक्टोरिया गौरी |

संविधान निर्माताओं के सपनों को साकार करने की दिशा में काम करूंगी : विक्टोरिया गौरी

संविधान निर्माताओं के सपनों को साकार करने की दिशा में काम करूंगी : विक्टोरिया गौरी

:   Modified Date:  February 7, 2023 / 01:31 PM IST, Published Date : February 7, 2023/1:31 pm IST

चेन्नई, सात फरवरी (भाषा) वकील लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी ने मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय की अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। शपथ ग्रहण के बाद अपने संबोधन में गौरी ने कहा कि वह लोगों को न्याय देकर संविधान निर्माताओं के सपनों को साकार करेंगी।

मद्रास उच्च न्यायालय के कुछ वकीलों ने गौरी द्वारा मुसलमानों और ईसाइयों के खिलाफ की गई कथित घृणास्पद टिप्पणियों को लेकर न्यायाधीश पद पर उनकी नियुक्ति का विरोध किया था।

हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने गौरी को मद्रास उच्च न्यायालय की न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने से रोकने के अनुरोध वाली याचिका पर विचार करने से मंगलवार को इनकार कर दिया।

शीर्ष अदालत में मंगलवार सुबह सुनवाई के बीच ही गौरी ने अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी राजा ने राष्ट्रपति द्वारा जारी नियुक्ति आदेश पढ़ने सहित अन्य परंपराओं के निर्वहन के बाद उन्हें शपथ दिलाई।

गौरी ने अपने संबोधन में उनमें भरोसा दिखाने और न्यायाधीश पद के लिए उनके नाम की सिफारिश करने के वास्ते मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंदराई, पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम दुरईस्वामी (सेवानिवृत्त) और मौजूदा कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी राजा का आभार जताया।

उन्होंने भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ सहित उच्चतम न्यायालय के कई जजों का भी शुक्रिया अदा किया।

गौरी ने कहा कि वह तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के एक बहुत दूरस्थ गांव (पश्चिम नेयूर) से ताल्लुक रखती हैं और एक ‘बेहद साधारण परिवार’ से निकली पहली पीढ़ी की वकील हैं। उन्होंने मणिराज और जैकब फ्लेचर सहित अपने सभी वरिष्ठ अधिवक्ताओं के प्रति भी आभार जताया।

गौरी मदुरै विधि कॉलेज की पूर्व छात्रा हैं। उन्होंने कहा, “मैं अपने पति थिरु तुली मुत्थू राम के पावन चरण छूती हूं, जो मेरे हर ‘प्रयोग’ में मेरे साथ खड़े रहे और जिन्होंने ‘बिना किसी बाधा के मेरी जीवन धारा को आगे बढ़ाने में मेरी मदद की।’ मैं अपनी दोनों बेटियों का भी शुक्रिया अदा करना चाहती हूं।”

उन्होंने यह भी कहा, “मैं मंच पर मौजूद और मेरी प्रिय मदुरै पीठ में बैठकर इस पल को देख रहे सभी वरिष्ठ न्यायाधीश भाई-बहनों के पावन चरणों में नमन करती हूं।”

गौरी ने बार के सदस्यों का भी शुक्रिया अदा किया और उनका आशीर्वाद मांगा।

स्वामी विवेकानंद के एक उद्धरण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वह इस बात से वाकिफ हैं कि उन्हें ‘न्यायाधीश होने की महान जिम्मेदारी’ सौंपी गई है, ताकि वह ‘गरीब से गरीब व्यक्ति की अनसुनी और दबी कुचली आवाज’ के लिए काम कर सकें, हाशिए पर पड़े लोगों के जीवन में बदलाव ला सकें, सामाजिक असमानताओं को दूर कर सकें और विविधतापूर्ण देश में बंधुत्व के भाव को मजबूती प्रदान कर सकें।

गौरी ने कहा, “मैं पूरी विनम्रता के साथ हमारे संविधान निर्माताओं के सपनों को साकार करने के लिए लोगों को न्याय देने का वचन देती हूं। धन्यवाद। जय हिंद।”

गौरी के साथ चार अन्य लोगों ने भी मद्रास उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। इनमें पिल्लईपक्कम बहुकुटुंबी बालाजी (अधिवक्ता), कंदासामी कुलंदाइवेलु रामकृष्णन (अधिवक्ता), रामचंद्रन कलैमथी (महिला न्यायिक अधिकारी) और के गोविंदराजन थिलाकावती (महिला न्यायिक अधिकारी) शामिल हैं। अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल दो साल का होगा।

भाषा पारुल नरेश

नरेश

 

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