JPC को भेजा जाएगा वक्फ बोर्ड संसोधन बिल, लोकसभा स्पीकर ने कही जल्द कमेटी बनाने की बात

Wakf Board Amendment Bill : किरेन रिजिजू ने कहा कि हम प्रस्ताव करते हैं कि जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को भेज दिया जाए। इस पर स्पीकर ने कहा कि हां, जल्द ही कमेटी बनाऊंगा।

JPC को भेजा जाएगा वक्फ बोर्ड संसोधन बिल, लोकसभा स्पीकर ने कही जल्द कमेटी बनाने की बात

Wakf Board Amendment Bill

Modified Date: August 8, 2024 / 04:59 pm IST
Published Date: August 8, 2024 4:55 pm IST

नई दिल्ली: Wakf Board Amendment Bill, संसद में आज संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ बिल पेश कर दिया है। इस पर कांग्रेस और सपा के सांसंदों ने आपत्ति की और कांग्रेस और सपा के सांसदों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे संविधान के खिलाफ बताया। सपा सांसद मोहिबुल्ला ने कहा है कि ये हमारे धर्म में दखलअंदाजी है।

किरेन रिजिजू ने कहा कि हम प्रस्ताव करते हैं कि जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को भेज दिया जाए। इस पर स्पीकर ने कहा कि हां, जल्द ही कमेटी बनाऊंगा। असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर डिवीजन की मांग की। स्पीकर ने कहा कि इस पर डिवीजन कैसे बनता है। ओवैसी ने कहा कि हम तो शुरू से डिवीजन की मांग कर रहे हैं।

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किरेन रिजिजू ने कहा कि हम भागने वाले नहीं हैं। उन्होंने विधेयक पेश करते हुए कहा कि इस बिल को यहां से पास कर दीजिए, इसके बाद इसमें जो भी स्क्रूटनी करनी हो, हम तैयार हैं। ये बिल आप जेपीसी बनाकर उसे भेज दीजिए। हर दल के सदस्य उस कमेटी में हों, जो भी स्क्रूटनी करना चाहें, हम तैयार हैं। किरेन रिजिजू ने मुसलमान वक्फ रिपील बिल पेश किया।

किरेन रिजिजू ने कहा कि मुसलमान वक्फ एक्ट 1923 पूरे देश में लागू हुआ जिसमें बलूचिश्तान और संथाल परगना भी शामिल हैं। ये एक्ट एप्लिकेबल नहीं है। इसलिए इसे रूल बुक में ही नहीं रहना चाहिए। अमित शाह ये 1955 के बिल और 2013 के संशोधन के बाद अस्तित्व में ही नहीं है। इसे हम कागज से निकाल रहे हैं। इसमें विपक्ष को आपत्ति नहीं होना चाहिए।

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आपकी सिफारिशें हम लागू कर रहे- रिजिजू

इसके पहले किरेन रिजिजू ने कहा कि हमने ये नहीं कहा कि वक्फ बोर्ड में इस धर्म का होना चाहिए। हमने ये कहा है कि वक्फ बोर्ड में एमपी को होना चाहिए। अब चुनकर किसी सदस्य को भेज दिया जो हिंदू है या बौद्ध है, तो क्या उसका धर्म परिवर्तन करा देना चाहिए। वक्फ बोर्ड में जो मेंबर हो, उनको जानकार होना चाहिए। एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल वाले लोगों को वक्फ बोर्ड में लाना चाहिए। ये सब आपकी सिफारिशें हैं, लागू हम कर रहे हैं।

रिजजू ने कहा कि बच्चों और महिलाओं के लिए हमने काफी ध्यान रखा है। ये एक्ट पास हो जाने के बाद कोई महिला-बच्चा इंसाफ से वंचित रह जाएं, ऐसा नहीं होना चाहिए। हमने इसके लिए प्रावधान किया है। वक्फ प्रॉपर्टी से जो भी इनकम होगी, वह मुस्लिमों के कल्याण पर ही खर्च होगी। आप लोग तो कोई प्रावधान नहीं किया। किसी मंत्रालय को संभालने के लिए क्या उस धर्म या जाति का होना चाहिए क्या? वे बार-बार कह रहे हैं कि मैं मुसलमान नहीं हूं इसलिए मुझे नहीं बोलना चाहिए। ये आपत्तिजनक बात है, खुद अल्पसंख्यक हूं लेकिन मुसलमान नहीं हूं। खुशी है कि मुसलमानों के कल्याण के लिए ये बिल रखने का मौका मिला है। कभी कभी ऐसा मौका मिलता है जिसे सदियों तक याद रखा जाए। बिल में जितने भी प्रावधान किए गए हैं, सबको और विस्तार से आपके सामने रखूंगा। ये मेरा आखिरी भाषण नहीं है। आप लोगों ने जितनी आपत्तियां कीं, उसका 50 परसेंट ही जवाब दिया है। अभी आधे का जवाब बाकी है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com