वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार को लोकसभा में चर्चा, पारित कराने के लिए लाया जाएगा
वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार को लोकसभा में चर्चा, पारित कराने के लिए लाया जाएगा
नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) वक्फ संशोधन विधेयक विचार और पारित कराने के लिए बुधवार को लोकसभा में लाया जाएगा और इस दौरान हंगामा होने के आसार हैं क्योंकि विपक्षी दल इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
केंद्रीय अल्पसंख्यक और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने संवाददाताओं से कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में सदन की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में इस विधेयक पर आठ घंटे की चर्चा के लिए सहमति बनी जिसे सदन की भावना के अनुरूप और बढ़ाया जा सकता है।
बैठक में विधेयक को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी तकरार के प्रारंभिक संकेत तब दिखाई दिए जब विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सदस्यों ने बैठक से वॉकआउट किया और सरकार पर उनकी आवाज दबाने का आरोप लगाया।
हालांकि इस मुद्दे पर गतिरोध से कोई खास फर्क नहीं पड़ता दिख रहा क्योंकि लोकसभा में सत्तारूढ़ भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पक्ष में संख्याबल है।
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि उनकी आवाज को सुना नहीं जा रहा। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल चर्चा के लिए और अधिक समय आवंटित करने की मांग कर रहे थे और चाहते थे कि सदन में मणिपुर की स्थिति और मतदाता पहचान पत्र से जुड़े विवाद जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो।
रीजीजू ने कहा कि कई दल चार से छह घंटे की चर्चा चाहते थे, वहीं विपक्षी दलों के सदस्य 12 घंटे की चर्चा कराने पर अड़े रहे। उन्होंने कहा कि सदन की भावना के अनुरूप इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है।
विधेयक के मुखर विरोधी एआईएमआईएम सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा कि वह सदन में इस विधेयक पर चर्चा के दौरान बताएंगे कि यह किस तरह ‘असंवैधानिक’ है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विधेयक मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों पर नियंत्रण के मकसद से लाया गया है और जनता तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) और जनता दल (यू) जैसे भाजपा के सहयोगी दलों को सबक सिखाएगी।
लोकसभा में 542 सदस्यों में राजग के 293 सांसद हैं और भाजपा कई मौकों पर कुछ निर्दलीय सदस्यों का समर्थन हासिल करने में सफल रही है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक तेदेपा, जदयू और चिराग पासवान नीत लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) जैसे भाजपा के बड़े सहयोगी दलों ने शुरू में विधेयक के कुछ पहलुओं पर आपत्ति जताई, लेकिन संसद की संयुक्त समिति द्वारा उनके कुछ सुझावों को अपनाये जाने के बाद वे विधेयक का समर्थन कर सकते हैं।
लोकसभा में मंजूरी मिलने के बाद विधेयक को उच्च सदन में लाया जा सकता है। वहां भी संख्याबल भाजपा नीत राजग के पक्ष में है।
कैथलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया, चर्च ऑफ भारत ने मंगलवार को विधेयक के प्रति समर्थन प्रकट किया जिससे प्रस्तावित कानून को उसके कथित व्यापक अल्पसंख्यक विरोधी एजेंडा का हिस्सा दर्शाने की विपक्ष की कोशिश को धता बताने के सरकार के प्रयासों को बल मिलता हुआ दिखा।
पिछले साल विधेयक पेश करते समय सरकार ने इसे दोनों सदनों की एक संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया था।
समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के बाद, उसकी सिफारिश के आधार पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मूल विधेयक में कुछ बदलावों को मंजूरी दी थी।
कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विपक्ष ने विधेयक पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय आवंटित करने की मांग की जबकि सरकार ने कम समय रखने पर जोर दिया ताकि अन्य विधायी कामकाज निपटाया जा सके।
इस मुद्दे पर बीएसी बैठक में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई और विपक्षी दलों के नेता बैठक छोड़कर बाहर आ गए।
विपक्षी दल विधेयक का कड़ा विरोध कर रहे हैं और इसे असंवैधानिक एवं मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ बता रहे हैं। कुछ प्रमुख मुस्लिम संगठन विधेयक के खिलाफ एकजुट हैं।
विधेयक में भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन में सुधार का प्रावधान प्रस्तावित है।
संसद का बजट सत्र चार अप्रैल को समाप्त होगा।
भाषा वैभव अविनाश
अविनाश

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