(Waqf Amendment Law, Image Credit: IBC24 News customize)
दिल्ली : Waqf Amendment Law: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन एक्ट पर हलफनामा दाखिल किया है। इस हलफनामे में सरकार ने इस कानून का बचाव किया है और कहा कि, पिछले 100 साल से वक्फ बाई यूजर अर्थात् वक्फ का उपयोग करने वाले को केवल पंजीकरण के आधार पर मान्यता दी जाती है, ना कि मौखिक रूप से। वहीं, सरकार का कहना है कि वक्फ मुसलमानों की धार्मिक संस्था नहीं, बल्कि एक वैधानिक निकाय है।
केंद्र सरकार ने आगे यह भी कहा कि, वक्फ संशोधन कानून के तहत मुतवल्ली का काम धर्मनिरपेक्ष है न कि धार्मिक। सरकार ने यह स्पष्ट किया कि यह कानून चुने हुए जनप्रतिनिधियों की भावनाओं को दर्शाता है और इसे बहुमत से पारित किया गया है।
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केंद्र सरकार ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह वक्फ संशोधन कानून के किसी भी प्रावधान पर अंतरिम रोक न लगाए। सरकार का कहना है कि इस कानून से किसी भी व्यक्ति के धार्मिक अधिकार में कोई हस्तक्षेप नहीं हो रहा है, बल्कि यह केवल प्रबंधन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।
इस बिल को पारित करने से पहले केंद्र सरकार ने संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी की 36 बैठकें की थीं, जिसमें 97 लाख से ज्यादा लोगों ने सुझाव और ज्ञापन दिए थे। इसके साथ ही समिति ने देश के 10 बड़े शहरों का भी दौरा कर लोगों से उनके विचार प्राप्त किए थे।
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