साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहिए, निर्वाचन आयोग का डेटा सामने आकर रहेगा: राहुल

साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहिए, निर्वाचन आयोग का डेटा सामने आकर रहेगा: राहुल

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  • Publish Date - August 11, 2025 / 07:14 PM IST,
    Updated On - August 11, 2025 / 07:14 PM IST

नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि एकजुट विपक्ष और देश का हर मतदाता साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहता है और निर्वाचन आयोग जानता है कि जो डेटा वह छिपाने की कोशिश कर रहा है, वह सामने आकर रहेगा।

विपक्षी दलों के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित ‘‘वोट चोरी’’ के खिलाफ सोमवार को संसद भवन परिसर से मार्च निकाला। हालांकि पुलिस ने उन्हें संसद मार्ग पर ही रोक दिया तथा बाद में हिरासत में ले लिया।

हिरासत में लिये जाने के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सच्चाई देश के सामने है। यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है, यह संविधान को बचाने की लड़ाई है, ‘एक व्यक्ति-एक वोट’ की लड़ाई है। हम एक साफ-सुथरी और सही मतदाता सूची चाहते हैं।’’

बाद में उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज जब हम निर्वाचन आयोग से मिलने जा रहे थे, ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी सांसदों को रोका गया और हिरासत में ले लिया गया। वोट चोरी की सच्चाई अब देश के सामने है।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘एकजुट विपक्ष और देश का हर मतदाता मांग करता है: साफ़-सुथरी मतदाता सूची। यह हक़ हम हर हाल में लेकर रहेंगे।’’

राहुल गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हिंदुस्तान में लोकतंत्र की हालत देखिए। तीन सौ सांसद निर्वाचन आयोग से मिलना चाहते हैं, लेकिन आयोग कहता है, आप मिलने नहीं आ सकते हैं, क्योंकि निर्वाचन आयोग सच्चाई से डरता है।’’

उनका कहना था, ‘‘संविधान के हिसाब से एक व्यक्ति को एक वोट का अधिकार है। हमने साफ दिखाया है कि अब ‘एक व्यक्ति-एक वोट’ का सिद्धांत नहीं है। देश के युवाओं को यह सच्चाई पता चल गई है। अब निर्वाचन आयोग का छिपना मुश्किल है।’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘यह निर्वाचन आयोग का डेटा है। यह मेरा डेटा नहीं है, जिसके लिए मैं हलफनामे पर दस्तखत करूंगा। निर्वाचन आयोग डेटा उठाए और उसे अपनी वेबसाइट पर डाले, फिर उसे खुद पता चल जाएगा।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘यह सब सिर्फ मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए है। ऐसा सिर्फ बेंगलुरु में ही नहीं हुआ, बल्कि कई निर्वाचन क्षेत्रों में भी हुआ है। निर्वाचन आयोग जानता है, जो डेटा वह छिपाने की कोशिश कर रहा है, वह सामने आकर रहेगा।’’

भाषा हक

हक सुरेश

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