समय से पहले चुनाव कराने के फैसले का स्वागत, केंद्र का शासन खत्म होने की उम्मीद: फारूक

समय से पहले चुनाव कराने के फैसले का स्वागत, केंद्र का शासन खत्म होने की उम्मीद: फारूक

समय से पहले चुनाव कराने के फैसले का स्वागत, केंद्र का शासन खत्म होने की उम्मीद: फारूक
Modified Date: August 16, 2024 / 09:21 pm IST
Published Date: August 16, 2024 9:21 pm IST

जम्मू, 16 अगस्त (भाषा) नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में समय से पहले चुनाव कराने के निर्वाचन आयोग के फैसले का शुक्रवार को स्वागत किया और उम्मीद जताई कि केंद्र शासित प्रदेश में जल्द ही केंद्र शासन समाप्त होगा।

निर्वाचन आयोग द्वारा जारी तारीखों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को होंगे और मतगणना चार अक्टूबर को होगी।

अब्दुल्ला ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “आज मैं अल्लाह का शुक्रिया अदा करता हूं कि वे (निर्वाचन आयोग) इस पर फैसला कर रहे हैं। पहले लोग कह रहे थे कि वे 20 से 25 (अगस्त) तारीख के बीच इस पर फैसला करेंगे। मुझे खुशी है कि उन्होंने इसे पहले ही निपटा दिया।”

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उन्होंने कहा कि देश ने बृहस्पतिवार को भारत की आजादी का जश्न मनाया और शुक्रवार को उनमें जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार के शासन से मुक्ति मिलने की उम्मीद जगी है।

उन्होंने चुनावों के लिए पार्टी की तैयारी के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, “हम चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। जब हम लोकसभा चुनावों के लिए तैयार थे तब ही पार्टी ने उनसे (आयोग से) जम्मू-कश्मीर में संसदीय चुनावों के साथ-साथ विधानसभा चुनाव कराने का अनुरोध किया था। हालांकि, उन्होंने तब चुनाव नहीं कराए।”

अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर मतदान को लेकर उम्मीद जताते हुए कहा, “अब लोग बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए निकलेंगे।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर की मुखरता से वकालत की।

उन्होंने कहा, “सभी के लिए समान अवसर होना चाहिए। भाजपा केंद्र की सत्ता में है और अन्य दलों की तुलना में उसके पास सभी प्रकार की सुरक्षा है। ऐसा नहीं होना चाहिए। निर्वाचन आयोग को निष्पक्षता सुनिश्चित करनी चाहिए, क्योंकि हम समान अवसर चाहते हैं।”

यह पूछे जाने पर कि क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में अकेले चुनाव लड़ेगी, अब्दुल्ला ने कहा, “अभी तक हमने यही फैसला किया है। हम देखेंगे कि पार्टी आगे क्या फैसला लेती है।”

उन्होंने कहा, “हालांकि मैं पार्टी का अध्यक्ष हूं, लेकिन लोकतंत्र में हम सबकी बात सुनते हैं। हम गहन चर्चा करेंगे और फिर फैसला करेंगे।”

अब्दुल्ला ने चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर कहा, “हां, मैं चुनाव लड़ूंगा। मैं युवा हूं। मैं अभी चिनाब घाटी का दौरा करके लौटा हूं। इससे पहले मैं पुंछ गया था। मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं।”

उन्होंने लोगों से पंचायत, नगर निगम और नगरपालिका चुनावों के लिए तैयार रहने का भी आग्रह किया। अब्दुल्ला ने पूर्ण राज्य के दर्जे के सवाल पर कहा कि इसकी भारी मांग है।

उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं सुना कि किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया हो। मुझे इस पर दुख और शर्म महसूस होती है।”

नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी निर्वाचन आयोग द्वारा जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा का स्वागत किया और इसे ‘देर आए दुरुस्त आए’ वाला कदम बताया।

उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा, “कुछ समय पहले निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की। जम्मू-कश्मीर के लोग लंबे समय से इस दिन का इंतजार कर रहे थे। देर आए दुरुस्त आए।”

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 1987-88 के चुनावों के बाद शायद यह पहली बार है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव इतने कम समय में और कुछ ही चरणों में हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, “यह राजनीतिक दलों के लिए निश्चित रूप से एक नया प्रयोग होगा, लेकिन जहां तक ​​हमारी पार्टी का सवाल है, नेशनल कॉन्फ्रेंस इस दिन के लिए तैयार थी और जल्द ही चुनाव प्रचार शुरू करेगी।”

अब्दुल्ला ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने पर जोर दिया। अब्दुल्ला ने आयोग द्वारा पिछले 24 घंटों के दौरान केंद्र शासित प्रदेश में पुलिस और नागरिक प्रशासन में बड़े पैमाने पर तबादले किये जाने का जिक्र किया।

उन्होंने कहा, “हमें शक है कि यह सरकार भाजपा और उसकी बी, सी और डी टीमों की मदद कर रही है। आयोग को तुरंत इस पर ध्यान देना चाहिए और उनकी जांच करनी चाहिए तथा उन तबादलों को रोकना चाहिए, जो उनके दिशा-निर्देशों के दायरे से बाहर हैं।”

उमर ने विधानसभा चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह इस बारे में अपने पिता और पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पार्टी के सहयोगियों से सलाह लेंगे।

उमर लंबे समय से कह रहे है कि जब तक जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा तब तक वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।

उन्होंने कहा, “जहां तक ​​मेरे चुनाव लड़ने का सवाल है तो मैं अब भी चुनाव नहीं लड़ना चाहता, लेकिन सच्चाई यह है कि पार्टी की ओर से मुझ पर बहुत दबाव है। मैं अपने पार्टी सहयोगियों के साथ इस पर चर्चा करूंगा और एक-दो दिन में फैसला ले लिया जाएगा।”

उमर ने कहा कि उनके पिता अब बूढ़े हो चुके हैं और उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है। फारूक ने घोषणा की थी कि अगर “मैं चुनाव नहीं लड़ता, तो उन्हें (उमर को) मजबूर होना पड़ेगा।”

उमर ने कहा, “यह मेरे लिए एक समस्या बन गई है। मैं उनसे और अपने सहयोगियों से बात करूंगा और कुछ दिनों में निर्णय लिया जाएगा।”

उमर ने कांग्रेस के साथ गठबंधन के बारे में पूछे गये एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस इस विषय पर कांग्रेस के साथ चर्चा कर रही है।

उमर ने कहा, “कुछ दिन पहले दिल्ली से कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता यहां आए थे और मैंने उनसे गठबंधन पर चर्चा की थी। हालांकि, दुर्भाग्य से वे अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओं से निर्देश लिये बिना यहां आ गए थे।”

उन्होंने कहा, “हम उस संवाद को आगे नहीं बढ़ा सके। अगर कांग्रेस के पास कोई ठोस सुझाव या विचार है जिसके आधार पर हम समझ सकें तो हम उनसे बात करने के लिए तैयार हैं। दो दिन पहले फारूक अब्दुल्ला ने भी बातचीत का रास्ता साफ करने के लिए कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं से फोन पर बात की थी। अब चुनाव आ गए हैं और हमारे पास ज्यादा समय नहीं है। हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है।”

भाषा जितेंद्र सुरेश

सुरेश


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