कोलकाता, चार मई (भाषा) कोलकाता पुलिस ने राज्यपाल सी वी आनंद बोस के खिलाफ एक महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए एक जांच टीम का गठन किया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि टीम अपनी जांच के तहत अगले कुछ दिनों में गवाहों से बात करेगी और उसने राजभवन से सीसीटीवी फुटेज साझा करने का अनुरोध किया है।
संविधान के अनुच्छेद-361 के तहत किसी राज्यपाल के खिलाफ उसके कार्यकाल के दौरान कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने एक जांच टीम का गठन किया है जो इस मामले में अगले कुछ दिनों में कुछ संभावित गवाहों से बात करेगी। हमने राजभवन से सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध होने पर उसे साझा करने का भी अनुरोध किया है।’’
यह पूछे जाने पर कि राज्यपाल को संवैधानिक छूट मिलने के बावजूद पुलिस कैसे जांच शुरू कर सकती है? पुलिस के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी भी शिकायत, खासकर किसी महिला से शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू करना एक नियमित प्रक्रिया है।
पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमें किसी के भी द्वारा दी गई शिकायत की जांच करनी होती है। यह एक नियमित प्रक्रिया है और हम बस इसका पालन कर रहे हैं। और यदि आवश्यकता हुई तो हम घटनास्थल (राजभवन) का दौरा कर सकते हैं। ’’
राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने शुक्रवार को बंगाल के राज्यपाल पर राजभवन में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कोलकाता पुलिस के समक्ष लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।
राजभवन ने एक बयान जारी कर कहा है कि बोस ने चुनाव के दौरान ”राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए अनधिकृत, नाजायज, दिखावटी और प्रेरित जांच” की आड़ में राजभवन में पुलिस के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।
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