नई दिल्ली । भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना आजादी से तकरीबन 62 साल पहले 28 दिसंबर 1885 को एओ ह्यूम ने की थी। देश को आजाद दिलाने में कांग्रेस पार्टी ने महत्वपू्र्ण भूमिका निभाई है। कांग्रेस की स्थापना के बाद पार्टी में सबसे बड़ा बंटवारा साल 1907 में हुआ था। उस दौरान कांग्रेस नरम और गरम दल में विभाजित हो गई।कांग्रेस से टूटकर बनीं पार्टियों उचित जनाधार ना मिलने के कारण बाद में कांग्रेस में ही मिल गई या फिर कांग्रेस के साथ गठबंधन हो गया। स्वतंत्रता के बाद पहली बार 1951 में कांग्रेस टूटी। उस समय जेबी कृपलानी ने कांग्रेस से अलग होकर किसान मजदूर प्रजा पार्टी बना ली। इसी साल कांग्रेस को दूसरा बड़ा झटका दिग्गज नेता एनजी रंगा ने दिया। उन्होंने कृपलानी की तरह कांग्रेस से अलग होकर हैदराबाद स्टेट प्रजा पार्टी बनाई थी। एनजी रंगा को भारतीय किसान आंदोलन का पिता कहा जाता है। उसी साल सौराष्ट्र खेदुत संघ नाम से नई पार्टी कांग्रेस से अलग होकर बनी।
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कहा जाता है कि इंदिरा गांधी जब देश की प्रधानमंत्री बनी तो उस दौरान कांग्रेस में अंतर्कलह बढ़ गया। लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद कांग्रेस के कुछ सीनियर नेता प्रधानमंत्री बनना चाहते थे लेकिन इंदिरा की एंट्री ने उनके सपने को चूर चूर कर दिया। जिसके चलते काग्रेस दो बार टूटा।
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पहली बार 1969 में, जब कांग्रेस ने इंदिरा गांधी को बर्खास्त कर दिया था। तब इंदिरा गांधी ने कांग्रेस (रिक्वीजिशन) बनाई। उसके बाद 1977 में कांग्रेस में फिर बंटवारा हो गया। इस बार इंदिरा गांधी ने कांग्रेस (आई) नाम से अलग पार्टी बनाई और इसका इलेक्शन सिम्बल पंजे का निशान रखा। इसमें ‘आई’ का मतलब इंदिरा से था।कांग्रेस में आखिरी बड़ा बंटवारा 2016 में हुआ। तब छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कांग्रेस से अलग होकर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस पार्टी बनाई।
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